________________ 124 5 विविध विचार ___5 दशाश्रुतस्कंध-जिस का 8 वां अध्ययन कल्पसूत्र है, मूल श्लोक 1835, चूणि 2245, नियुक्ति 168 श्लोक, कुल 4248 / 6 जीतकल्प (१)-मूल 108, टीका 12000, तथा सेनकृत चूर्णि 1000 श्लोक, भाष्य 3124, कुल 16232 श्लोक हैं / इस की चूर्णि का व्याख्यान 1120 है। लघु वृत्ति श्री साधुरत्नकृत श्लोक 5700, तथा तिलकाचार्यकृत वृत्ति 1500 श्लोक हैं। 6 साधु जीतकल्प (२)-मूल श्लोक 375, वृत्ति धर्मघोषसूरि कृत 2650 / 4 मूल सूत्र 1 आवश्यक सूत्र (१)-मूल 125 गाथा, टीका हरिभद्रसूरि कृत 22000, नियुक्ति भद्रबाहुकृत 3100, चूर्णि 18000, तथा दूसरी आवश्यकवृत्ति(चतुर्विंशति स्तव)२२००० है, इस की लघुवृत्ति तिलकाचार्य कृत 12321 श्लोक, अञ्चलगच्छाचार्य कृत दीपिका 12000, भाष्य 4000, आवश्यक टिप्पण मलधारी हेमचंद्रसूरि कृत 4600, सर्व मिलाते 98146 2 ताडपत्रीय सूची में मूल 1830 चूणि 2225 और सर्वसंख्या 4223 श्लोक लिखी है। 3 ताडपत्रीय सूची में जीतकल्प मूल के 108 श्लोकों का उल्लेख नहीं है। वहां सर्व संख्या 16124 है। 3 ताडपत्रीय सूची में मूल के 100 एक सौ श्लोक कहे है /