________________ श्रीजैनशान-गुणसंग्रह 159 13 और 31 की संख्या होगी / 13 को 8 का भाग देने पर शेष 5 बचे, इन का आधा 2 // हुए / इस से ज्ञात हुआ कि चम्पालाल इश्वरलाल से 2 // विश्वा मांगता है / विपरीत अंक जोडने पर 31 की संख्या हुई इसको 8 का भाग देने शेष 7 बचे इनका आधा 3 // साढे तीन हुए इन में से 2 // विश्वा चम्पालाल के लेने में गये शेष 1 विश्वा ईश्वरलाल का चम्पालाल में लेना रहा, इसलिये चम्पालाल ईश्वरलाल का ऋणी कहा जायगा और ईश्वरलाल चम्पालाल का धनी / दूसरा उदाहरण-राम और लक्ष्मण में कौन ऋणी धनी है ? उत्तरराम लक्ष्मण का वर्ग एक ही है इस वास्ते इन के वां का अंक लिया जायगा 'राम' का नामाक्षर 'यवर्ग' का द्वितीय वर्ण है इसलिये अंक 2 आया और लक्ष्मण का 'ल' उसी वर्ग का तृतीय वर्ण होने से 3 अंक लिया / साथ लिखने पर 23 की संख्या हुई इस को 8 का भाग देने पर शेष 7 बचे इस का आधा // साढे तीन विश्वा राम में लक्ष्मण के लेने हैं। अब वही अंक विपरीत क्रमसे लिखा तो 32 हुए, इस संख्याको 8 का भाग देने पर शेष कुछ नहीं बचा / इस से सिद्ध हुआ कि लक्ष्मण के पास राम कुछ भी नहीं मांगते पर लक्ष्मण राम से साढे तीन विश्वा मांगते हैं। उपर्युक्त योनि, गण, राशि और नाडीवेध ये चार बातें तो जन्म नक्षत्र के ऊपर से देखी जाती हैं परन्तु वर्गमेल और लेन देन प्रसिद्ध नामके प्रथम अक्षर के ऊपर से देखा जाता