________________ श्रीजैनज्ञान-गुणसंग्रह 167 इस लिये अच्छे गांव में धर्मप्रेमी श्रावकों के नजदीक में घर बनाना श्रावक के लिये लाभकारी है। योग्य जमीन की परीक्षा. जिस जमीन पर इमारत स्वडी करनी हो वहां पहले खुदवाना चाहिये, वैसा करने से वहां से खराब अपमांगलिक चीजें निकल जाती हैं। जिस जमीन में हड्डी न हो, राख न हो, जहां डाभ उगता हो, वर्ण और गंध मिट्टी का अच्छा हो, जहां से मीठा जल निकलता हो वह जमीन अच्छी है। ____जो भूमि शीतकाल (सीआला) में उष्णस्पर्श वाली हो याने छूने से गरमी मालूम देती हो और ग्रीष्म ऋतु (उन्हाला) में शीतस्पर्श वाली. याने छूने से ठंडक मालूम देती हो वह बहुत ही उत्तम जमीच है। तथा एक हाथ प्रमाण जमीन खोद कर फिर उसी मिट्टी से खड्डा भर देवे, भरने पर अगर मिट्टी अधिक रहे तो वह जमीन श्रेष्ठ है, अगर मिट्टी बराबर रहे तो मध्यम भूमि समझना और मिट्टी कम मालूम देवे याने उस से गड्डा न भरे तो वह जमीन अशुभ है। अथवा हाथ प्रमाण समचोरस और गहरा गड्डा खोद कर जल से भर दे अगर सौ कदम तक चले उतने समय में एक अंगुल जल सूखे तो वह जमीन शुभ. जानना, दो अंगुल जितना जल सूख जाय तो मध्यम और तीन अंगुल जल सूख जाय तो वह भूमि अधम अर्थात् अशुभ है ऐसा समझना चाहिये /