________________ 126 5 विविध विचार समयसुंदरकृत श्लोक 2600 / ' 3 पिंडनियुक्ति (१)-भद्रबाहुकृत / इस में साधुओं के लिये शुद्ध आहार पानी लेने का अधिकार बताया हैं। मूल श्लोक 700, टीका मलयगिरिकृत श्लोक 7000, किसी जगह 6600 भी है, टीका सं. 1160 वीरगणिकृत श्लोक 7500, लघुवृत्ति महासूरिकृत श्लोक 400, कुल संख्या 15600 है।' 3 ओपनियुक्ति (२)-इस में साधुसंबन्धी उपकरणोंका परिमाण विगैरहका अधिकार है / यह भद्रबाहुकृत है / मूल गाथा 1170, श्लोक 1450, टीका द्रोणाचार्यकृत श्लोक 7000, भाष्य श्लोक 300 चूर्णि 7000, कुल 18450 है। 4 उत्तराध्ययन-अध्ययन 36 / इस में साधुओं को संयम मार्ग में दृढ रखने के लिये उपदेश के रूप में अनेक दृष्टांत संवाद आदि दिये गये हैं। मूल 2000, बडी वृत्ति वादिवेताल शांतिसूरिकृतं 18000 तथा अन्यत्र 17645 भी है / लघुवृत्ति सं. 1129 में श्रीनेमिचंद्रसूरि कृत श्लोक 1 ताडपत्रीय सूची में दशवैकालिक मूल 700 नियुक्ति 400 लघुवृत्ति 2500 बृहद्वृत्ति 7000 चूर्णि 7000 और सर्व संख्या 17600 श्लोकप्रमाण लिखी है। 2 ताडपत्रीय सूचीमें पिंडनियुक्ति मूल 700, लघुवृत्ति 2800, बृहदवृत्ति 7000, मलयगिरिवृत्ति 7000 और सर्व संख्या 17500 श्लोक लिखा है। 3 ताडपत्रीय सूचीमें ओघनियुक्ति मूल 1000, वृत्ति 7000, चूणि 7000 श्लोक प्रमाण लिखा है।