________________ 70 3 श्रावक-द्वादश व्रत फल हैं और ये अभक्ष्य माने जाते हैं व्रतधारी इनका त्याग करे। 20 अनजाना फल-जिस फल का नाम स्वभाव मालूम न हो वह भी अभक्ष्य है। 21 चलित रस-जिस भक्ष्य पदार्थ का वर्ण गंध रस स्पर्श बदल गया हो, सडने की वजह से जिसमें से खराब बृ आती हो, जिसमें से तार निकलते हों वह सब 'चलित रस नामक अभक्ष्य है / रोटी, शाक, खिचडी, वडा, नरम पूरी, लापसी, सीरा, मालपुआ विगैरह चार पहर के बाद प्रायः चलित रस हो अभक्ष्य हो जाते हैं। दाल के बडों भजियों में जल का भाग मिला हुआ होने से वे भी दूसरे दिन बासी गिने जाते हैं। दही में बना हुआ चावल का करंबा तथा छास में बनी हुई मक्का बाजरा आदि की पहले दिन की पेंस दूसरे दिन काम में आ सकती है। कई लोग दूध में आटा बांधकर पुडियां बनाते हैं परंतु दूध में जल का भाग अधिक और खटाई का भाग बहुत कम होने से वे पुडियां वासी-चलित रस हो जाती हैं इस लिये रात निकलने के बाद अभक्ष्य हैं / जो जो चीज घी में या तैल में बनाई जाती हैं वे अमुक काल तक वासी नहीं होती। शीयाले की मोसम में मिठाई का उत्कृष्ट काल एक महीने का, उन्हाले में 20 दिन का और चोमासे में 15 दिन का है। बाद में अभक्ष्य हो जाती है। मीठाई का