________________ - 4 तपस्या विधि 5 आयु-एकदत्ति (एक वार दिया हुआ खाना)। खमासमण काउसग्ग लोगस्स 4, ॐ ही अक्षयनिधिगुणेभ्यो नमः' नोकरवाली 20 / 6 नामकर्म-निवी / खमासमण काउसग्ग लोगस्स 103, 'ॐ ह्री अरूपिगुणेभ्यो नमः' नोकरवाली 20 / __7 गोत्रकर्म-आयंबिल। खमासमण काउसग्ग लोगस्स 2, ॐ ह्रीं अगुरुलघुगुणेभ्यो नमः' नोकरवाली 20 / 8 अंतराय-अष्ट कवल (सिर्फ आठ कवले खाने)। खमासमण, काउसग्ग लोगस्स 5, 'ॐ ह्री अनंतवीर्यगुणेभ्यो नमः' नोकरवाली 20 / - इसके उजमणे में चांदी का वृक्ष और सोने का कुठार (कुहाडा) भगवान् के आगे चढावे तथा पुस्तक पूजा कर मुनिराज को दान देवे / रोहिणी तप विधि सत्ताईस नक्षत्रों में चौथा नक्षत्र रोहिणी है। यह नक्षत्र जिस दिन हो उस दिन उपवास कर वासुपूज्य स्वामी की पूजा करे, तीनों वक्त प्रभात मध्यान्ह और संध्या समय देव वंदन करे, दोनों टंक प्रतिक्रमण करे, 'ॐ ह्री श्रीवासुपूज्यजिनाय नमः' इस प्रकार वासुपूज्य स्वामी के नाम की 20 नोकरवाली गिने। इस रीति से 7 वर्ष और 7 महीने तक