________________ . श्रीजैनज्ञान-गुणसंग्रह 117 लघुवृत्ति सं० 1568 में उपाध्याय दानशेखर की की हुई 12000 श्लोक प्रमाण है। 6 ज्ञाता धर्मकथांग-इसमें जुदे जुदे पुरुषों और स्त्रियों की कथायें हैं / इसके अध्ययन 19, श्लोक 5500, टीका अभयदेवसरि की श्लोक 4252 प्रमाण है / सर्व संख्या इस की 9752 श्लोक हैं। - 7 उपासकदशांग-इसमें आनन्द कामदेव आदि 10 श्रावकों के चरित्र हैं / अध्ययन 10, मूल श्लोक 812, टीका अभयदेवसूरि की 900 श्लोक प्रमाण, और कुल संख्या 1712 है। 8 अंतगडदशांग-इसमें महावीर भगवान् के जो खास खास मुनि मोक्ष गये हैं उनका वर्णन है। इसके अध्ययन९०, मूल श्लोक' 900, टीका अभयदेवमरि की श्लोक 300 की है। कुल श्लोक 1200 / 9 अणुत्तरोक्वाई-इसमें जो मुनि अनुत्तर विमान में गये हैं उनका वर्णन है / इसके अध्ययन 33, श्लोक 192, टीका अभयदेव सूरि की श्लोक 100 / कुल श्लोक 292 / . 10 प्रश्न व्याकरण-इसमें आश्रव और संवर का वर्णन है। अध्ययन 10, श्लोक 1250, टीका अभयदेवकी श्लोक 4600 / कुल संख्या 5850 / 1 ताडपत्रीय सूची में मूल श्लोक 790 बताये हैं।