________________ 116 5 विविधि विचार अध्ययन 23, मूलश्लोक 2100, शीलांगाचार्यकृत टीका 12850 तथा चूर्णि 10000 श्लोक हैं, भद्रबाहुकृत नियुक्ति की गाथा 208 श्लोक 250 / इस पर भाष्य नहीं है, सर्वश्लोक 25200 हैं। - 3 ठाणांगसूत्र-इस में अनेक तात्त्विक बातों की गिनती और उनकी व्याख्या दी है। - इस के अध्ययन.१० हैं, मूलश्लोक 3770 हैं, सं 1120 में अभयदेवसरि की बनाई हुई टीका 15250 श्लोक प्रमाण है / सर्वश्लोक 19020 हैं। 4 समवायांग सूत्र-इस में भी ठाणांग का सा ही वर्णन है, परंतु इसमें दश के ऊपरकी संख्यावाली बातोंका भी वर्णन है। इस के मूलश्लोक 1667, टीका अभयदेवसूरि की श्लोक 3776 प्रमाण है / चूर्णि पूर्वाचार्य की 400 श्लोक प्रमाण / सर्वश्लोक 5843 हैं। 5 विवाहपन्नत्ति (भगवती)-इसमें गौतमस्वामी के भिन 2 विषयक 36000 प्रश्न और महावीर के दिये हुए उत्तरों का वर्णन है। इसके 41 शतक हैं। मूल श्लोक 15752, टीका सं० 1128 में अभयदेवसरि की की हुई द्रोणाचार्य संशोधित 18616 श्लोक की है। चूर्णि 4000 श्लोक की पूर्वाचार्यकृत है। कुल संख्या 38368 है / तथा इसकी 1 ताउपत्रकी प्राचीन सूचीमें टीका का प्रमाण 15240 और सर्वसंख्या 19010 श्लोक बतायी है।