________________ 3 श्रावक-द्वादश व्रत (2) सचित्तप्रतिबद्धाहार-जिस के सचित्त का नियम है बह बबूल (बाबलिये) पर लगा हुआ गोंद अथवा इसी प्रकार सचित्त के साथ लगे हुए अचित्त पदार्थ उखाड कर एक मुहूर्त समय होने के पहले खावे तो यह दूसरा अतिचार लगता है। - (3) अपक्वौषधिभक्षण-सचित्त का त्यागी फली पुंखडा भाजी विगैरह कच्चे खावे तो यह तीसरा अतिचार लगता है। 4 दुःपक्वौषधिभक्षण-गेहुं के होले मकाइ के मकिये चणों के सरपटिये विगैरह अध पके खावे तो चौथा अतिचार लगता है। (5) तुच्छौषधि भक्षण- जिस में खाना थोडा और फेंकना ज्यादह ऐसी बेर, सहजने की फली, विगैरह तुच्छ चीज का खाना यह तुच्छ औषधि भक्षण है / नियम-व्रत वाला खावे तो पांचवाँ अतिचार लगता है। नियम१ बाईस अभक्ष्यों में से नं. को छोड शेष अभक्ष्य भक्षण का त्याग। __ 2 बत्तीस अनन्तकायों में से नं. -को छोड शेष अनन्तकाय भक्षण का त्याग / 3 पंदरह कर्मादानों में से नं.- को छोड शेष कर्मादान करनेका त्याग / 4 महीने में वार रात्रिभोजनकी छूट कृष्णपक्ष