________________ ___3 श्रावक-द्वादश व्रत इस का नाम 'रहस्याभ्याख्यान' है। .. (3) स्वदारमंत्रभेद-अपनी स्त्री की गुप्त वात किसी के आगे जाहिर करना, खानगी मर्म प्रकट करना इसका नाम 'स्वदार-मंत्र-भेद' अतिचार है। . (4) मृषा उपदेश-किसी को दुःख में डालने के लिये झूठी राय देवे, झूठी दलीलें सिखावे, टंटे फिसाद उत्पन्न करने वाली तरकीबें बतावे इस को मृषाउपदेशनामक अतिचार कहते हैं। (5) कूट लेख-किसी के नाम पर झूठा खतपत्र लिखना असल आंक को तोड कर दूसरा जाली अंक लिखना या अक्षर रद्दोबदल करना झूठी मुहर छाप लगाना ये सब काम 'कूटलेख' अतिचार में शामिल हैं। स्थूलअदत्तादानविरमण. स्वरूप जिस चोरी से राजदरबार में सजा मिले या दुनिया में बदनामी हो ऐसी बडी चोरी नहीं करनी चाहिये। अदत्तादान के दो भेद हैं 1 द्रव्य अदत्तादान 2 भाव अदत्तादान। किसी का घर फाडना जबरन किसी के पास से चीज छीन लेना किसी की रखी हुई चीज के देने में इनकार करना तथा हीरा मोती पन्ना विगैरह में झूठे सच्चेका अदल बदल करना यह तमाम द्रव्य अदत्तादान है।