________________ 47 - श्रीजैनशान-गुणसंग्रह शक्ति के अनुसार जितना भार बोझा लादना चाहिये उस से ज्यादह लादना उसका नाम 'अतिभारारोपण' अतिचार है। ___ (5) भक्तपान व्यवच्छेद-गाय भैस बैल ऊंट आदिको खुराक देना बंध कर दे अथवा खुराक में से कुछ निकाल ले या खाने का समय व्यतीत कर खिलावे तो अतिचार होता है, अपने नोकर दास दासी की रोजी में खलल पहुंचावे या बगैर कारण पगार में कमी करे तो भी दोष है। किसी पर कामण टूमण मारण मोहन उच्चाटण मूठ चलाना विगैरह भी इसी व्रत के अतिचारों में गिना जाता है। स्थूलमृषावादविरमण / स्वरूप___'स्थूल' का अर्थ है बडा, 'मुषावाद' का अर्थ है झूठ बोलना और 'विरमण' का अर्थ है रुकना, इस कारण 'स्थूलमृषावाद विरमण' का शब्दार्थ 'बडे झूठ बोलने से रुकना' यह होगा, गृहस्थसे छोटे झूठ वचन का तो त्याग नहीं हो सकता मगर बडे झूठ वचन का त्याग अवश्य करना चाहिये / - मृषावाद दो प्रकार का है-१ द्रव्य मृषावाद और 2 भाव मृषावाद / लेन देन में जो झूठ वचन बोला जाता है वह 'द्रव्य मृषावाद' है और शास्त्र विरुद्ध भाषण करना-उत्सूत्र वचन बोलना यह 'भाव मृषावाद'। द्रव्य मृषावाद में 1 कन्यालीक, 2 गवालीक, 3 भूम्य