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द्रव्यसग्रह-प्रश्नोत्तरी टीका रूप और श्रोत्रेन्द्रियका सुनना नियत विषय है ।
प्रश्न १५----मनमे कौनमा विपय नियत है ? उत्तर-मनमे दृष्ट, श्रुत और अनुभूत पदार्थ नियमित है। प्रश्न १६-श्रुतज्ञान किसे कहते है ?
उत्तर-श्रुतज्ञानावरण वीर्यान्तरायके क्षयोपशमसे व नोइन्द्रियके अवलम्बनसे जो की ज्ञान प्रकट होता है वह श्रुतज्ञान है । इसका स्पष्ट स्वरूप एक यह भी है कि मतिज्ञानसे जाने हुये पदार्थमे और अन्य विशेप ज्ञान करना सो श्रुतज्ञान है।
प्रश्न १७-स्मरण आदि ज्ञानका किस ज्ञानमे अन्तर्भाव है ?
उत्तर- स्मरण, प्रत्यभिज्ञान, तर्क, अनुमान व सात्यवहारिक प्रत्यक्ष-इन ज्ञानोका) मतिज्ञानमे अन्तर्भाव है, क्योकि ये सब मतिज्ञानावरणके क्षयोपशमसे प्रकट होते है।
प्रश्न १८-स्मरणका क्या स्वरूप है ?
उत्तर-मतिज्ञानावरण व वीर्यान्तरायके क्षयोपशम व मनके अवलम्बनमै अनुभूत अतीत अर्थका स्मरण होना स्मरण है।
प्रश्न १६-प्रत्यभिज्ञानका क्या स्वरूप है ?
। उत्तर- मतिज्ञानावरण व वीर्यान्तरायके क्षयोपशमसे, मनके अवलम्बनसे पूर्वविज्ञात पर्यायसे वर्तमान पर्यायके बीच एकता, सदृशता, विसदृशता व प्रतियोगिताके जोडरूप ज्ञानको प्रत्यभिज्ञान कहते है । जैसे यह वही है, यह अमुकके समान है, यह अमुकसे विपरीत है, यह उससे दूर है इत्यादि ।
प्रश्न २०- तर्क किसे कहते है ?
उत्तर- साध्य, साधनके व्याप्तिके ज्ञानको तर्क कहते है । जैसे जहां धूम्र होता है वहाँ अग्नि होती है और जहाँ अग्नि नही होती वहाँ धूम्र भी नहीं होता। 11077
प्रश्न २१-अनुमान किसे कहते है ?
(उत्तर-- साधनसे साध्यके ज्ञानको अनुमान कहते है । जैसे धूम देखकर अग्निका ज्ञान करना।
प्रश्न २२-- एक वस्तुके ज्ञानके वाद अन्य वस्तुका जानना तो श्रुतज्ञान हो गया, इसका मतिज्ञानमे अन्तर्भाव कैसे किया जा सकता है ?
उत्तर-- अभ्यस्त पुरुषके संस्कारवश साधन देखते ही मन द्वारा साध्यका ज्ञान हो जाता है, ऐसा स्वार्थानुमान मतिज्ञानमे अन्तर्गत होता है ।
२३-- साव्यवहारिक प्रत्यक्ष किसे कहते है ? '' उत्तर-- वर्तमान पदार्थको इन्द्रिय या मनके द्वारा एकदेश स्पष्ट जानना, सो साव्यवहा
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