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३३. पापकर्मों के उदीरणादि के निमित्तों का प्ररूपण,
११०४ ३४. जीव-चौबीसदंडकों में कृत पापकर्मों का नानात्व,
११०४-११०५ ३५. चौबीसदंडकों में कृत कर्मों की सुखदुखरूपता,
११०५ ३६. जीवों में ग्यारह स्थानों द्वारा पापकर्म बंध के भंग,
११०५ १. जीव की अपेक्षा,
११०५ २. सलेश्य-अलेश्य की अपेक्षा, ११०५-११०६ ३. कृष्ण-शुक्लपाक्षिक की अपेक्षा, ११०६ ४. सम्यग्दृष्टि आदि की अपेक्षा,
११०६ ५. ज्ञानी की अपेक्षा,
११०६ ६. अज्ञानी की अपेक्षा,
११०६-११०७ ७. आहार संज्ञोपयुक्तादि की अपेक्षा,
११०७ ८. सवेदक-अवेदक की अपेक्षा,
११०७ ९. सकषायी-अकषायी की अपेक्षा,
११०७ १०. सयोगी-अयोगी की अपेक्षा,
११०७ ११. साकार-अनाकारोपयुक्त की अपेक्षा, ११०७ ३७. चौबीसदंडकों में ग्यारह स्थानों द्वारा पापकर्म बंध के भंग,
११०७-११०८ ३८. चौबीसदंडकों में अनन्तरोपपन्नक पापकर्म बंध के भंग,
११०९ ३९. चौबीसदंडकों में अचरिमों के पापकर्म बंध के भंग,
११०९-१११० ४०. चौबीसदंडकों में ग्यारह स्थानों द्वारा आठ कर्मों के बंध भंग,
१११०-१११३ ४१. अनन्तरोपपन्नक चौबीसदंडकों में आठ कर्मों के बंध भंग,
१११३-१११४ ४२. चौबीसदंडकों में अचरिमों के आठ कर्मों के बंध भंग,
१११४-१११५ ४३. परम्परोपपन्नक चौबीसदंडकों में पापकर्मादि के बंध भंग,
१११५ ४४. अनन्तरावगाढ़ चौबीसदंडकों में पापकर्मादि के 'बंध भंग,
१११६ ४५. परम्परावगाढ़ चौबीसदंडकों में पापकर्मादि के बंध भंग,
१११६ ४६. अनन्तराहारक चौबीसदंडकों में पापकर्मादि के बंध भंग,
१११६ ४७. परम्पराहारक चौबीसदंडकों में पापकर्मादि के बंध भंग,
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४८. अनन्तर पर्याप्तक चौबीसदंडकों में पापकर्मादि के बंध भंग,
१११६ ४९. परम्पर पर्याप्तक चौबीसदंडकों में पापकर्मादि के बंध भंग,
-- १११६ ५०. चौबीसदंडकों में चरिमों के पापकर्मादि के बंध भंग,
१११७ ५१. जीव-चौबीसदंडकों में पापकर्म और अष्टकर्मों के किये थे आदि भंग,
१११७ ५२. जीव-चौबीसदण्डकों में पापकर्म और
अष्टकर्मों का समर्जन-समाचरण, १११७-१११८ ५३. अनन्तरोपपन्नकादि चौबीसदंडकों में पाप
कर्म और अष्टकर्मों का समर्जन-समाचरण, १११८-१११९ ५४. जीव-चौबीसदंडकों में पापकर्म और
अष्टकर्मों का सम-विषम प्रवर्तन-समापन, १११९-११२० ५५. अनन्तरोपपन्नक आदि चौबीसदंडकों में
पापकर्म और अष्टकर्मों का सम-विषम प्रवर्तन-समापन,
११२०-११२१ ५६. चौबीसदंडकों में बँधे हुए पापकर्मों के वेदन का प्ररूपण,
११२२ बंध के भेद-प्रभेद ५७. सामान्यतः बंध के भेद,
११२२ ५८. ईर्यापथिक और साम्परायिक की अपेक्षा बंध के भेद,
११२२ ५९. विविध अपेक्षा से विस्तृत ईर्यापथिक बंध स्वामित्व,
११२२-११२५ ६०. ऐर्यापथिक बंध की अपेक्षा सादिसपर्यवसितादि व देशसर्वादि बंध प्ररूपण,
११२५ ६१. विविध अपेक्षा से विस्तृत साम्परायिक बंध स्वामित्व,
११२५-११२६ ६२. साम्परायिक बंध की अपेक्षा सादिसपर्यवसितादि व देशसर्वादि बंध प्ररूपण,
११२६ ६३. द्रव्य-भाव बंधरूप बंध के दो भेद, ११२६-११२७ ६४. चौबीसदंडकों में भावबंध का प्ररूपण, ११२७ ६५. जीव-चौबीसदंडकों में अष्टकर्मों का भाव बंध प्ररूपण,
११२७ ६६. त्रिविध बंध भेद और चौबीसदंडकों में प्ररूपण, ११२७ ६७. अष्टकर्मों के त्रिविध बंध भेद और चौबीसदंडकों में प्ररूपण,
११२८ ६८. उदयप्राप्त ज्ञानावरणीय आदि कर्मों के त्रिविध
बंध भेद और चौबीसदंडकों में प्ररूपण, ११२८ ६९. चौबीसदंडकों में दर्शन-चारित्रमोहनीयकर्म की बंध प्ररूपणा,
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