________________ (14) "हम भी अपना अपना जीवन स्वच्छ-रम्य कर सकते हैं / हमें चाहिए-हम भी अपने बता जॉय पद-चिह्न-ललाम इस जमीन की रेती पर, जो __बख्त पड़े आवे कुछ काम // देख देख जिनको उत्साहित हों, पुनि वे मानव प्रति घर, जिनकी नष्ट हुई हो नौका, चट्टानों से टकरा कर // लाख लाख संकट सह कर भी, फिर भी हिम्मत बांधे वे, जा कर मार्ग मार्ग पर यारो, अपना कारज साधे वे // " भोपाल, ता. 5-3-30 जाफरमल लोढा.