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आगम-सम्पादन की यात्रा
६. प्रश्नव्याकरण, अनुत्तरोपपातिकदशा, अंतकृतदशा निर्देशिका–साध्वीश्री धनकुमारीजी (सरदारशहर)।
सहयोगिनी-साध्वीश्री भीखांजी, साध्वीश्री कमलश्रीजी, साध्वीश्री हर्षकुमारीजी (लाडनूं)।
कार्यारम्भ-सं. २०१२, श्रावण । संपूर्ति-कार्तिक। ७. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति निर्देशिका–साध्वीश्री राजीमतीजी।
सहयोगिनी-साध्वीश्री कमलूजी, साध्वीश्री भीखांजी, साध्वीश्री फूलकुमारीजी, साध्वीश्री हुलासांजी।
८. अनुयोगद्वार निर्देशिका–साध्वीश्री फूलकुमारीजी (लाडनूं)। सहयोगिनी-(नाम लिखित नहीं है)।
इस प्रकार लगभग तीस साधु और चालीस साध्वियों ने बत्तीस आगमों की शब्द-सूची लगभग पांच महीनों में तैयार कर दी।
इसके साथ-साथ शब्दकोश संबंधी अनेक विषयों पर भी कार्य चलता रहा। मुनिश्री चम्पालालजी (लाडनूं) ने आगमों में प्रयुक्त धातुओं का संकलन किया। अन्यान्य विषयों के वर्गीकरण भी तैयार किये गए।
प्रत्येक सूत्र की 'अकारादि' अनुक्रम से शब्दसूची तैयार हो जाने पर अब निर्धारित शब्दकोश का कार्य प्रारंभ करना था।
आचार्यश्री ने उज्जैन का चतुर्मास सम्पन्न कर राजस्थान की ओर विहार किया। भीलवाड़ा में माघ-महोत्सव सम्पन्न हुआ। वि. सं. २०१३ का चतुर्मास सरदारशहर में हुआ। शोध-कार्य के अंतर्गत अनुवाद आदि का कार्य चलता रहा। फिर चालीस दिवसीय दिल्ली-यात्रा सम्पन्न कर मंत्री मुनि की विशेष प्रार्थना पर माघ-महोत्सव का विराट कार्यक्रम सरदारशहर में ही किया
गया।
_ वि. सं. २०१४ का चतुर्मास सजानगढ़ में था। स्थान आदि की