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आगम-सम्पादन की यात्रा
२. ज्ञाताधर्मकथा-हिन्दी अनुवाद तथा टिप्पण। ३. उपासकदशा-हिन्दी अनुवाद तथा टिप्पण। ४. अन्तकृतदशा-हिन्दी अनुवाद तथा टिप्पण। ५. निरयावलिका-हिन्दी अनुवाद तथा टिप्पण। ६. अनुयोगद्वार-हिन्दी अनुवाद तथा टिप्पण।
आगम-संपादन के विविध आयाम हैं। दो-तीन वर्ष पूर्व आगमशब्दकोश के निर्माण का चिन्तन चला। कुछ साध्वियां, समणियां और मुमुक्षु बहिनों को इस कार्य में व्यापृत किया। 'आगम शब्दकोश' की कार्य-प्रणाली में कुछ महत्त्वपूर्ण निष्पत्तियां और हो गईं।
हमने आगम शब्दकोश की निर्मिति के लिए सौ से अधिक ग्रंथों का चुनाव किया था, उनमें अनेक व्याख्या ग्रंथ भी सम्मिलित थे। उनके पारायण से 'एकार्थक शब्दकोश', 'निरुक्तकोश' और 'देशीशब्दकोश' भी अनायास संगृहीत कर लिए गए। एकार्थक शब्दकोश और निरुक्तकोश छप चुका है। देशी शब्दकोश का कार्य चालू है। एकार्थक कोश में लगभग पन्द्रह सौ शब्दों के बीस हजार पर्याय शब्द संगृहीत हैं। निरुक्तकोश में लगभग दो हजार शब्दों के निरुक्त दिये गये हैं। देशी शब्दकोश में अनुमानतः सात हजार देशी शब्दों का समावेश होगा। इन तीनों कोशों के संचयन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये सारे कोश साध्वियों तथा समणियों द्वारा संगृहीत हैं।
इस शृंखला में भाष्य आदि व्याख्या-ग्रंथों के पैंतीस हजार पद्यों का संग्रहण किया जा चुका है। ___ग्यारह अंगों के शब्दकोश की आवश्यकता महसूस हुई। विभिन्न मुनियों ने ग्यारह अंगों की शब्द सूचियां तैयार की और शब्दकोश की संयुति हो गई। साम्प्रतम् उपांग शब्दकोश के प्रणयन की तैयारी हो रही है।
आगम-संपादन की मूल गंगोत्री से प्रवहमान ये छोटी-छोटी धाराएं अपने आपमें महत्त्वपूर्ण हैं और इस कार्य ने तेरापंथ धर्म संघ की बहुश्रुतता को वृद्धिंगत करने में योगदान दिया है।