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आगम- सम्पादन कार्य : विद्वानों की दृष्टि में
३. अंगसुत्ताणि भाग - ३ (शष छह अंग ) ।
तीनों ग्रंथ संशोधित मूलपाठ, पाठान्तर, पाठान्तर - विमर्श, 'जाव' पूर्ति और उसके आधार - स्थल, विषयसूची, संपादकीय तथा भूमिका से युक्त हैं ।
४. दसवे आलियं
५. ठाणं
६. उत्तरज्झयणाणि भाग - १, २
७. समवाओ
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८. सूयगडो भाग - १,२
ये सात ग्रंथ संशोधित मूलपाठ, संस्कृत छाया, तुलनात्मक टिप्पण, भूमिका तथा परिशिष्टों से युक्त हैं ।
९. आयारो - संशोधित मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद तथा लघु टिप्पणों से
युक्त ।
१०. दसवेआलियं तह उत्तरज्झयणाणि
११. आयारो तह आयारचूला
हिन्दी अनुवाद,
१२. निसीहज्झयणं
१४. ओवाइयं
१३. समवाओ
ये पांचों आगम संशोधित मूलपाठ, पाठान्तर, पाठान्तर-विमर्श, शब्दसूची, वर्गानुक्रम आदि -आदि से युक्त हैं ।
१५. दशवैकालिक : एक समीक्षात्मक अध्ययन ।
१६. उत्तराध्ययन : एक समीक्षात्मक अध्ययन ।
१७. दशवैकालिक उत्तराध्ययन- केवल हिन्दी अनुवाद |
१८. धर्म प्रज्ञप्ति भाग - १ ( वर्गीकृत आगम) ।
१९. धर्म प्रज्ञप्ति भाग - २ ( वर्गीकृत आगम ) ।
२०. आगम शब्दकोश - ग्यारह अंगों की शब्द - सूची, प्रमाण - स्थल तथा छाया से युक्त ।
इन प्रकाशित आगमों के अतिरिक्त जो आगम कार्य सम्पन्न हो चुका है, उसका विवरण इस प्रकार है
१. सभी उपांगों, छेदसूत्रों के मूल सूत्रों के मूलपाठ का निर्धारण, पाठान्तर तथा पाठान्तर के टिप्पण तथा शब्दानुक्रम |