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पुरवाल दिगम्बर जैन पंचायत दिल्ली-6 एवं श्री पद्मावती पुरवाल दिगम्बर जैन समाज शाहदरा क्षेत्र के सदस्यों की संयुक्त बैठक में 3 सितम्बर, 1995 को पूर्ण सहमति एवं उत्साह के वातावरण में एक धर्मशाला बनाने का संकल्प किया गया। 01 जुलाई, 1996 को धर्मशाला की जगह की रजिस्ट्री श्री पद्मावती पुरवाल दिगम्बर जैन समाज शाहदरा क्षेत्र के नाम हुई। श्री पद्मावतीपुस्वाल दि. जैन पंचायत, धर्मपुरा दिल्ली -6 के अध्यक्ष श्री रमेशचंद जैन कागजी और उनके माध्यम से पूरी पंचायत के इस अद्भुत सहयोग और अनूठे त्याग की श्री प. पु. दि. जैन समाज शाहदरा क्षेत्र के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र कुमार जैन एवं उनके समस्त साथियों के साथ-साथ पूरे जनमानस और दिल्ली के बाहर के प्रबुद्ध महानुभावों ने इसकी मुक्त कंठ से प्रशंसा की। यह पूरा कार्य आचार्य श्री सन्मतिसागरजी महाराज के आशीर्वाद से सम्पन्न हुआ ।
- सम्पादक मंडल
आचार्यश्री पार्श्वसागरजी महाराज
श्री 108 आचार्यश्री पार्श्वसागर जी महाराज का गृहस्थावस्था का नाम राजेन्द्रकुमार था । आपका जन्म कार्तिक सुदी सप्तमी वि.सं. 1972 को कोटला ( फिरोजाबाद) में हुआ। आपके पिताश्री रामस्वरूप जी व माता श्रीमती जानकीबाई थीं। आप पद्मावती पुरवाल जाति के भूषण थे । आपकी धार्मिक एवं लौकिक शिक्षा साधारण हुई। आपने विवाह नहीं किया। बाल ब्रह्मचारी ही रहे ।
दशलक्षण पर्व में अशुभ स्वप्न देखने पर आपमें वैराग्य प्रवृत्ति जाग उठी व आपने वि.सं. 1717 में आचार्यश्री 108 विमलसागर जी महाराज से सोनागिर में क्षुल्लक दीक्षा ले ली। इसके बाद वि. सं. 2018 में फाल्गुन शुक्ला 8 को आचार्य श्री विमलसागर जी से मेरठ में मुनि दीक्षा ले ली। आपने मेरठ, बड़वानी, ईडर, सुजानगढ़, कोल्हापुर आदि स्थानों पर पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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