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संचालित है, तथा इसी के एक भाग में नशिया जी स्थापित है। इसकी स्थापना भी साथ-साथ हुई है। मुख्य वेदी पर.1008 चिंतामणि पार्श्वनाथ की भव्य मूर्ति स्थापित है अन्य दो वेदियां और हैं। वर्तमान में इसे बड़ा भव्य रूप प्रदान करने की योजना है इसी योजना में मानस्तम्भ बनकर तैयार है। तथा मां पद्मावती तथा धरणेन्द्र का मन्दिर स्थापित हो चुका है, सामने एक छोटा पार्क है काफी मात्रा में लोग प्रातः काल एवं सायं काल मन्दिर के दर्शनार्थ आते हैं।
इस नगर में अन्य जैन मंदिर एवं चैत्यालय हैं जिनका विवरण निम्न है इसकी स्थापना भी पद्मावती पुरवाल जैन समाज द्वारा की गई है
1. जी.टी. रोड स्थित जैन कम्पाउण्ड में एक प्राचीन चैत्यालय श्री शान्तिनाथ दि. जैन गोटावाला के नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना वर्ष 1899 में लाला श्री पालजी जैन गोटे वालों द्वारा की गयी, इस चैत्यालय का जीर्णोद्वार वर्ष 1987 में लाल महेन्द्र दास जैन गोटा वालों के द्वारा सम्पन्न करायी गयी। मन्दिर जी में मूल वेदी पर 1008 भगवान शान्तिनाथ जी की प्रतिमा स्थापित है। यह चैत्यालय प्रथम तल पर स्थित
2. ठण्डी सड़क एटा पर सैयद वाली गली में प्रथम तल पर श्री पार्श्वनाथ चैत्यालय की स्थापना वर्ष 1970 में श्री देव स्वरूप जी जैन मरथरा वालों के द्वारा की गयी, मूल वेदी पर 1008 भगवान पार्श्वनाथ जी की प्रतिमा जी स्थापित है।
3. ठण्डी सड़क एटा पर ही आदिनाथ दि. जैन चैत्यालय का स्थापना वर्ष 1981-82 में था साहूकार जी जैन मझराऊ वालों द्वारा की गयी, मन्दिरजी की मूल वेदी पर 1008 भगवान आदिनाथ जी की प्रतिमा स्थापित है। इसी कक्ष के एक कोने में मां पद्मावती की मूर्ति स्थापित है। मंदिर जी में स्थापित भगवान आदिनाथ एवं पार्श्वनाथ की मूर्तियां काफी 287
पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास