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प्राणिवध को बन्द कराने का सफल प्रयत्न किया।
मालवा प्रान्तीय महासभा के सरस्वती भण्डार के सक्रिय सदस्य थे तथा पद्मावती - परिषद् के मंत्री, पद्मावती-पुरवाल पत्रिका के सम्पादक तथा दिगम्बर जैन महासभा के मन्त्री आदि पदों पर रहकर उन्होंने विकास सम्बन्धी अनेक कार्यों को सम्पन्न किया ।
श्री हजारीलाल जैन वकील
श्री हजारी लाल जैन वकील (फिरोजाबाद) को अपनी कुशाग्र बुद्धि तथा सामाजिक सेवाओं के कारण कई बार प्रशासन की ओर से सम्मानित किया गया।
वे अनेक बार बैंच मैजिस्ट्रेट, स्पेशल मैजिस्ट्रेट, जुडीशियल मैजिस्ट्रेट रहे । सरोजिनी नायडू अस्पताल के संस्थापक, फिरोजाबाद नगर पालिका के सदस्य, शिक्षा विभाग के चेयरमैन, गांधी-सेवा-संघ के सदस्य, भ्रष्टाचार निवारण समिति के सदस्य, पी. डी. जैन इंटर कॉलेज के संस्थापक-सदस्य के रूप में उन्होंने अविस्मरणीय सेवाएं की ।
सुप्रसिद्ध सम्पादकाचार्य पं. बनारसीदास चतुर्वेदी उन्हें बड़े ही सम्मान के साथ काका जी कहकर उनका स्मरण किया करते थे ।
बाबू जुगमन्दरदास जैन
बाबू जुगमन्दर दास जी का स्मरण तो मन को भाव विभोर कर देता है। उनका राष्ट्र-प्रेम किसी क्रांतिकारी से कम न था । उनके क्रान्तिकारी कदमों ने जहां अंग्रेजों में हड़कम्प मचा दिया था, वहीं उन्होंने जैन समाज के निन्दकों के इस भ्रम को भी दूर कर दिया था कि जैन केवल आत्मोन्मुखी रहते हैं, और समाज एवं देश की वे उपेक्षा किया करते हैं।
उनका जन्म एटा यू.पी. में सन् 1912 में हुआ । प्रारम्भिक शिक्षा के पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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