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पत्रकार के नाते श्री पारसदास जैन का सामाजिक दायरा इतना विस्तृत था कि जैन संस्थाओं के अतिरिक्त अन्य अनेक अजैन संस्थाओं-आर्य समाज, सनातन धर्म सभा, समलीला कमेटी आदि से भी वे जुड़े थे और उन्हें सक्रिय सहयोग देते रहे।
समाज सेवी स्व. श्री सुन्दरसिंह जैन पद्यावती-पुरवाल जाति के एक संभ्रात-परिवार में श्री सुन्दरसिंह का जन्म 11 दिसम्बर 1935 को हुआ। शिक्षा पूरी करने के बाद वे केन्द्रीय सरकार की सेवा में चले गये। समाज-सेवा और धार्मिक-संस्कार जो उन्हें अपने परिवार से मिले, वे उनसे भी निरन्तर जुड़े रहे। अपने क्षेत्र की जनता पर उनका गहरा प्रभाव था। प्रभावक व्यक्तित्व तथा कशल सूझ-बूझ के धनी होने के कारण सभी राजनैतिक दल उन्हें अपने दल से जोड़ना चाहते थे। पर सरकारी कर्मचारियों के लिये निर्धारित आचार-संहिता का उन्होंने पूर्णतः पालन किया। वे गांधी वादी विचारधारा से काफी प्रभावित थे।
वे लगभग 15 वर्षों तक पद्मावती-पुरवाल दिगम्बर जैन पंचायत (पंजी.) धर्मपुरा, दिल्ली-6 के महामंत्री रहे। भारतवर्षीय दिगम्बर जैन परिषद के दिल्ली प्रदेश के सक्रिय सदस्य एवं उससे प्रकाशित पाक्षिक पत्र 'वीर' के सह-सम्पादक रहे। इष्ट-मित्रों एवं श्रावक-श्राविकाओं के साथ सामूहिक तीर्थयात्रा करना, कराना और पीड़ित लोगों की सेवा-सहायता में उनकी विशेष रुझान रही। 19 सितम्बर, 2003 का उनका आकस्मिक दुखद निधन हो गया। अपने जीवन के अन्तिम क्षणों तक वे निम्न संस्थाओं से जुड़े रहे___ 1. मोहल्ला कमेटी, छत्ता प्रतापसिंह, 2. राष्ट्रीय एकता निर्माण समिति, 3. ट्रैफिक वार्डन, पुरानी दिल्ली, 4. मानद विशिष्ट पुलिस ऑफिसर उत्तरी जिला, 3. केन्द्रीय नागरिक समिति क्षेत्र संख्या 4, 6. जैन युवक निर्माण 373
पावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास