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राजेन्द्र प्रसाद जी जैन एवं रतन प्रसाद जी जैन द्वारा करवाया गया। मूलवेदी पर 1008 भगवान शन्तिनाथ जी की प्रतिमा विद्यमान है ।
इस एटा नगर में जैनियों की संख्या में अधिकांश पद्मावती पुस्वाल जैन ही हैं, बाकी कुछ अन्य जैन समाज के लोग हैं जिनकी संख्या नगण्य सी ही है ।
वर्तमान में यहां पर 500 से ज्यादा घर हैं लगभग जिनकी आवादी 3000-4000 के आस-पास होगी। यहां श्री उमेशचंद जैन अध्यक्ष और श्री प्रदीप जैन (गुड्डू) मंत्री हैं ।
एत्मादपुर (आगरा)
आगरा तथा फिरोजाबाद के मध्य नेशनल हाईवे नं. 2 पर एक ऐतिहासिक कस्बा स्थित है। मुगल बादशाह शाहजहां के एक साले एत्मादौला ने अपनी छावनी के रूप में इसे स्थापित किया था। समय और परिस्थिति के अनुसार छावनी हटी और कस्बा बन गया। इस स्थान के आसपास के गांवों के विभिन्न जातियों और धर्मों के लोग यहां आकर बसने लगे ।
पद्मावती पुरवाल जाति के लोग जो अधिकांशतः छोटे-छोटे गांवों में ही रहते थे। यहां पर कुछ लोग वहां से आकर रहने लगे। रहने वालों की संख्या बढ़ने से व्यवसाय बढ़ा। क्षेत्र का विकास हुआ और तहसील के रूप में मान्यता मिली। पद्मावती पुरवाल दिगम्बर जैन जाति के यहां लगभग 100 परिवार रहते हैं। यहां का प्राचीन पंचायती मंदिर लगभग 300 वर्ष पुराना है। साधनों के जुटने के साथ-साथ मंदिरजी में जीर्णोद्धार और नव-निर्माण के कार्य भी होते रहे। 1953, 1965 और 1970 में यहां विशाल धार्मिक आयोजन हुए। इस प्राचीन शिखरबंद मंदिरजी में 5 बेदियां हैं।
पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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