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आगरा की दिगम्बर जैन समाज में विशेष ख्याति अर्जित की। वह मूल रूप से लतीपुर, हिरनगांव (फिरोजाबाद) के निवासी थे तथा 1930 के लगभग आगरा आए । आपने आगरा दिगम्बर जैन समाज की सर्वोच्च संस्थाएं, श्री दिगम्बर जैन शिक्षा समिति, एवं दिगम्बर जैन परिषद के कई वर्षों तक अध्यक्ष के रूप में सेवा की।
वर्तमान श्रृंखला में श्री जयन्ती प्रसाद जी ने अखिल भारतीय स्तर पर महामंत्री के रूप में समाज की सेवा की।
आगरा में एक चैत्यालय श्री सुरेन्द्रकुमार जैन बी-36, ट्रांस यमुना में नारखी वालों का है। एक श्री चन्द्रप्रभु चैत्यालय देवनगर बाई पास पर भगवान टाकीज से सिकन्दरा साइड में सीधे हाथ की ओर गली में है। यह चैत्यालय श्री विजयचन्द जैन एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती जिनेन्द्रप्रभा के विशेष प्रयासों से बना है। इसके बाद सीतानगर में एक मंदिर नेमिनाथ उद्यान से आगे सखावतपुरिया परिवार वालों का भी है। यह मंदिर भी अच्छा बना है। इसका प्रयास श्री छुट्टनबाबू एवं जवाहरलाल सखाक्तपुरिया का है। एक चैत्यालय गांधीनगर आगरा में है।
वर्तमान में आगरा की पद्मावती पुरवाल समाज के अध्यक्ष श्री चन्द्रप्रकाश जैन, उपाध्यक्ष श्री कैलाशचन्द, महामंत्री श्री सत्येन्द्र जैन, संगठन मंत्री श्री छूट्टनबाबू, प्रचार मंत्री श्री शांत कुमार और लेखा निरीक्षक श्री श्यामबाबू के साथ-साथ लगभग 15 अन्य महानुभाव कार्यकारिणी के सदस्य हैं। समाज संगठित और क्रियाशील है। आगरा की दिगम्बर जैन समाज में पद्मावती पुरवाल समाज का अस्तित्व ना के बराबर था, पर आज वह गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त कर चुकी है। यह प्रसन्नता की बात है।
पद्मावतपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास