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कार्यस्थली के रूप में चुना और आपका परिवार प्रारम्भ से ही रेलवे में ठेकेदारी के व्यवसाय से जुड़ा रहा है और विभिन्न कारोबारों के चलते आपके परिवार ने जैन समाज में अपने क्षेत्र में प्रतिष्ठा व ख्याति प्राप्त की है। स्व. सेठलाल जी के तीन सुयोग्य पुत्र श्री महेन्द्र कुमार जैन, श्री चिंतामणी जैन व श्री जिनेन्द्र कुमार जैन टूण्डला में ही निवास करते हैं
और अपने-अपने व्यवसाय से जुड़े हैं। श्री महेन्द्र कुमार जैन प्रारम्भ से ही धार्मिक-आध्यात्मिक एवं मुनिसेवाभावी प्रकृति के रहे हैं और उनकी प्रेरणा से आपके परिवार ने ऋषभपुरी टूण्डला चतुष्पद पर एक वृहद् जैन मन्दिर का निर्माण कराया है, जिसका संचालन श्री सेठलाल जैन ट्रस्ट के अन्तर्गत किया जाता है। इस पुनीत स्थान पर अनेक जैन मुनिसंघों ने विहार कर इस नगरी में धर्म प्रभावना का परचम लहराया है। यह स्थल धर्मस्थली के रूप में जाना जाता है। श्री महेन्द्र कुमार जैन के तीन सुयोग्य सुपुत्र हैं-श्री सुरेन्द्र कुमार जैन, श्री सतेन्द्र कुमार जैन एवं श्री अनिल कुमार जैन। श्री सुरेन्द्र कुमार जैन व अनिल कुमार जैन अपने-अपने व्यवसाय में दक्ष हैं तथा श्री सतेन्द्र कुमार जैन क्षेत्र के प्रख्यात वरिष्ठ आयकर व्यापार कर अधिवक्ता के रूप में धार्मिक, शैक्षिक व सामाजिक गतिविधियों से जुड़े हुए हैं।
आपका समस्त परिवार धर्म प्रेमी एवं शिक्षा प्रेमी हैं और जैन समाज में वे अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान बनाये हुए हैं।
श्री संतकुमार जैन बैंकर्स, टूण्डला टूण्डला के निकट एलई-जटई जनपद के श्री बनवारी लालजी अपने परिवार के साथ 1945 में टूण्डला आये और यहां अनाज व घी आदि का व्यापार किया। कुछ समय बाद इनके दोनों पुत्रों श्री संतकुमारजी और श्री सुरेशचन्द जी ने सर्राफे का काम किया। आय पर्याप्त होने पर श्री पद्यावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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