________________
3. आप्त-परीक्षा का सम्पादन, 4. महावीर-दर्शन, 5. महावीर-वाणी, 6. मुक्ति-मन्दिर 7. सत्य और तथ्य, और 8. घरवाला।
पण्डित जी की संस्कृत के अच्छे कवियों में गणना होती थी। एक बार उन्होंने डॉ. जाकिर हुसैन के लिए एक सार्वजनिक समारोह के अवसर पर उनकी प्रशंसा में संस्कृत-कविता लिखकर उसका सस्वर पाठ किया था।
कुछ समय तक उन्होंने बनारस में जयधवला विभाग में सम्पादन कार्य किया, किन्तु किन्हीं अदृश्य कारणों से उसे बीच में ही छोड़कर वे पुनः इन्दौर चले गये तथा वहां उन्होंने अपना एक प्रिंटिग-प्रेस खोला।
डॉ. (पं.) साहिब उत्कृष्ट कोटि के समीक्षक और अनुवादक तो थे ही, उच्च कोटि के सम्पादक भी थे। उन्होंने निम्नलिखित पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन किया था
1. वीर-भारत (पाक्षिक), 2. पद्मावती-पुरवाल (पाक्षिक), 3. जैन-सिद्धान्त 4. जैन दर्शन (साप्ताहिक) सन् 1962 से 5. जैन गजट (साप्ताहिक) लगभग 15 वर्षों तक, एवं 6. जैन-दर्शन (साप्ताहिक) लगभग 1939 से लम्बी अवधि तक।
पद्मावतीपुरयाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
356