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आप अपना व्यक्तिगत कार्य छोड़कर भी समाज सेवा के लिए तत्पर रहते थे। आपके निस्वार्थ भाव से समाज के सभी व्यक्ति परिचित थे, किसी भी व्यक्ति की सेवा करके आपको बहुत शांति मिलती थी। प.पु. समाज की आपने सन 1970 से अपनी मृत्यु पर्यन्त 1992 तक सेवा की। आदरणीय जिनेन्द्र प्रकाश जी अपनी समाज को काफी आगे ले जाना चाहते थे। 1986 में आपने एटा पंचकल्याणक में भी अपना भरपूर सहयोग दिया। आज आदरणीय श्री जिनेन्द्र प्रकाश जी हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनक तीनों पुत्र कुलदीप कुमार, प्रदीप कुमार एवं सुदीप कुमार एवं पुत्री आभा जैन उनके आदर्शों के अनुरूप कार्य कर रहे हैं।
श्री मोरध्वज अजितप्रसाद जैन सर्राफ, एटा यह एटा का सर्राफ परिवार लाला मोरध्वज जैन व उनके सुपुत्र श्री अजित प्रसाद जैन द्वारा एटा में भव्य तीन मंजिला जैन मन्दिर बनवाने के लिए प्रसिद्ध हुआ। मंदिरजी में स्थापित चहुंमुखी श्री महावीर स्वामी की प्रतिमा की पंच कल्याणक प्रतिष्ठा समारोह सन 1960 में उत्तर भारत का भव्य मेला इसी परिवार द्वारा मुनि श्री विमलसागर महाराज के सानिध्य में करवाया। इस मंदिरजी में श्री देशभूषण जी महाराज का भी आगमन हुआ। श्री मोरध्वज जी के पुत्र श्री अजित प्रसादजी पद्मावती पुरवाल समाज के सोनागिरडी, अहिच्छत्र जी, कम्पिलाजी, व मरसलगंज (फरिहा) आदि क्षेत्रों की कार्यकारिणी से सम्बद्ध रह कर, मंदिर-भवन धर्मशाला आदि के निर्माण में योगदान किया। उन के पुत्र श्री आदेश्वर प्रसाद जैन एटा के वीर मंडल के मुख्य कार्यकर्ता रहे हैं, उनके तीन पुत्रों में ज्येष्ठ श्री अनंत प्रकाश जैन, उत्तर प्रदेश सरकार की पी.सी.एस. सेवा में सहायक आयुक्त (स्टाम्प) के पद पर मुज्जफरनगर में कार्यरत हैं।
श्री आदेश्वर प्रसाद जैन के द्वितीय पुत्र श्री अरहंत प्रकाश जैन चार्टर्ड पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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