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के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, सराक क्षेत्र कमेटी व अखिल भारतीय तीर्थक्षेत्र कमेटी बोम्बई के भी संरक्षक एवं परम संरक्षक हैं। लायंस क्लव इंटरनेशनल के बड़े सक्रिय पदाधिकारी हैं।
विगत लगभग 35 वर्षों से आप भारतीय जनसंघ (भारतीय जनता पार्टी) की जिला एवं स्थानीय इकाइयों के पदाधिकारी रह कर राष्ट्र सेवा में भी अपना योगदान दे रहे हैं। . __ आपकी धर्मपत्नी श्रीमती माधवीलता का 58 वर्ष की उम्र में सन् 2000 में स्वर्गवास हो गया। आपके बड़े पुत्र डॉ. राजेश कुमार एम.डी. हैं। छोटे पुत्र आपटेमेटिस्ट हैं। आपकी तीन पीढ़ियां (पिताजी, स्वयं एवं पुत्र) पद्मावती पुरवाल जाति के लिए समर्पित हैं। जातीय उत्थान के लिए ये सब कुछ करने के लिए तैयार हैं।
सुख का उपाय आज मनुष्य अपनी आवश्यकताओं से नहीं, आकांक्षाओं के कारण दुःखी है। आवश्यकताएं होती हैं शरीर के लिए और वे सीमित होती हैं, किन्तु आकांक्षाओं का जन्म होता है मन में
और उनका सिलसिला लम्बा चलता है। 'पेट' दो रोटियां से सन्तुष्ट हो जाता है किन्तु मन की तृप्ति मोहन-भोग पाकर भी नहीं होती। यदि हमारे पास स्कूटर हो, किन्तु पड़ौसी नई कार ले आए तो हमारे मन में भी नई कार खरीदने की लालसा जग जाती है। एक लालसा के बाद दूसरी और दूसरी के बाद तीसरी का क्रम चलता रहता है। तथा उनकी पूर्ति के लिए आदमी पराधीन बन जाता है। सुखी होने का एक ही उपाय है, अपनी अनन्त लालसाओं पर नियन्त्रण रखना।
-'चिन्तन प्रवाह' से साभार
पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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