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कार्यों में उन की धर्मपत्नी स्वर्गीया विधा देवी जी, जो एक बहुत ही धर्म-परायण विदुषी थीं, ने उन को सदैव प्रेरणा प्रदान की। आपके परिवार में एक सुपुत्री तथा तीन सुपुत्र हैं जो अपने-अपने परिवारों के साथ समाज में अपना योगदान दे रहे हैं। समाज के इस विद्वान ने अपने छोटे से जीवन काल में, जैन धर्म के प्रचार-प्रसार में अपना योगदान दिया तथा सन् 1962 में इस ऐहिक संसार से विदा ली। सर्वश्री अतिवीर कुमार, सन्मतिकुमार और अभिनन्दन कुमार आपके योग्य पुत्र हैं।
डा. रमेशचन्द जैन, निवाई (राजस्थान) 18 अगस्त 1934 श्री राजकुमार जैन शास्त्री के यहां द्वितीय पुत्र का जन्म हुआ। नाम रखा रमेशचन्द जैन। इस होनहार बालक ने चिकित्सा क्षेत्र की शिक्षा प्राप्त कर अलीगढ़, हाथरस व झासी में मेडिकल आफिसर के पद पर सेवा की। पर मन की संतुष्टि नहीं हुई। अतः 1958 में अपने पिताजी के नाम पर आर. के. जैन आंख अस्पताल की निवाई में स्थापना की। सेवाभावी डा. रमेशचन्द ने राजस्थान और उत्तर प्रदेश के जन साधारण की सेवार्थ सैकड़ों निःशुल्क चिकित्सा शिविर लगाये। इन शिविरों में दो सप्ताह की दवाएं भी निःशुल्क दी जाती हैं। रोगियों की प्रार्थना पर और पात्रता देखकर उनका पूरा इलाज भी निःशुल्क किया जाता है। इस ट्रस्ट की ओर से छात्र-वृत्ति एवं आर्थिक सहायता भी उन लोगों को दी जाती है, जिनकी पात्रता बनती है।
डॉ. रमेशचन्द अखिल भारतीय पद्मावती पुरवाल पंचायत (महासभा) के शिरोमणि सदस्य हैं। अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासमिति के संरक्षक, स्व. पं. राजकुमारजी शास्त्री एवं डा. रमेशचन्द जैन धर्मार्थ संस्थान के अध्यक्ष, व वरिष्ठ नागरिक परिषद निवाई के आप अध्यक्ष हैं। इसके अतिरिक्त अखिल भारतवर्षीय नेशनल इंटीग्रेटेड मेडीकल एसोसियेशन
पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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