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टूण्डला जनपद · टूण्डला (जिला-फिरोजाबाद) उत्तर मध्य रेलवे का एक प्रमुख स्टेशन है। यहां सात जिनालय हैं जिनमें प्राचीनतम श्री 1008 आदिनाथ दि. जैन पद्मावती पुरवाल पंचायती मन्दिर है जो शहर के मध्य में स्थित है। अन्य छः जिनालयों में एक जिनालय स्व. लाला श्री भक्वान स्वरूप चेयरमैन के परिवार द्वारा निर्मित कराया गया है जो शहर में ही स्थित है। एक अन्य जिनालय टूण्डली ग्राम में स्थित है। शेष चार जिनालय टूण्डला चतुष्पद पर स्थित हैं। इसमें से एक जिनालय प्रथम देव श्री 1008 ऋषभनाथ दि. जैन मन्दिर है जिसका निर्माण स्व. लाला सेठलाल जैन द्वारा कराया गया है। यह जिनालय टूण्डला रेलवे स्टेशन मुख्य मार्ग पर टूण्डला बस स्टैण्ड से मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। इस जिनालय में अन्य जिनेन्द्र प्रतिमाओं के अलावा प्रथम देव श्री 1008 आदिनाथ जिनेन्द्र देव की अति मनोज्ञ एवं मनोहारी प्रतिमा विराजमान है। उक्त प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा राष्ट्रसंत परम पूज्य 108 आचार्य श्री विद्यानन्द जी महाराज के सान्निध्य में सन् 1965 में सम्पन्न हुई। मन्दिरजी के समीप ही साधु-संतों एवं यात्रियों के ठहरने आदि की भी समुचित व्यवस्था है जिसका संचालन अन्तर्गत श्री सेठलाल जैन ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। विधवा सहायता, मेधावी एवं गरीब विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति सहायता, छात्रावास व्यवस्था एवं मुनिगण आदि के ठहरने तथा उनके आहारादि की व्यवस्था भी इस ट्रस्ट द्वारा की जाती है। उक्त मन्दिर जी के समीप ही लॉर्ड ऋभम इण्टर कालेज है जहां लगभग 1200 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। यहां पर जैन धर्म की परीक्षाएं भी संचालित होती हैं एवं समय-समय पर अनेक जैन धर्म प्रभावना के कार्य सम्पन्न होते रहते हैं।
शहर में श्री सेठलाल महेन्द्र कुमार, श्री साहूलाल लालता प्रसाद, भगवानस्वरूप प्रवीण कुमार, श्री श्योप्रसाद श्री जयन्ती प्रसाद, श्री
पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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