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श्री पद्मावती पुरवाल दि. जैन, फिरोजाबाद,
प्रस्तुति :- पंडित उमेशचंद जैन
फिरोजाबाद नगर की भारत में ही नहीं अपितु विश्व के हर हिस्से में कांच के उत्पाद के लिए अपनी एक विशिष्ट पहचान है। जैन जगत में यह 1008 श्री चन्द्रप्रभु भगवान की स्फटिकरत्न की अतिशयकारी प्रतिमा जो यमुना नदी से प्राप्त हुई थी के कारण भी जाना जाता है। यह नगर परम पूज्य आचार्य 108 श्री महावीर कीर्ति महाराज के जन्म स्थान के कारण भी जैन जगत में अपनी पहचान रखता है। इस नगर ने कई संयम साधक श्रमणों को दिया है। जैन दर्शन के अनेक धुरंधर विद्वानों का यह कार्य क्षेत्र रहा है। इनमें प्रमुख नाम है, श्रद्धेय पं. माणिकचन्द्र कोन्देय, पं. पन्नालाल न्यायाचार्य पं. राजेन्द्र कुमार, पं. श्याम सुन्दर लाल शास्त्री, पं. कुंजीलाल शास्त्री, वर्तमान में प्राचार्य नरेन्द्र प्रकाश आदि अनेक ऐसे नाम हैं जिनके सुभाषित कृतित्व और व्यक्तित्व से पूरे देश का जैन समाज भलिभांति परिचित है। यह भी एक सुखद संयोग ही है कि यह आचार्य महावीर कीर्ति महाराज तथा यह सभी जिनवाणी के वरदपुत्र विद्वान पद्मावती पुरवाल जाति के नररत्न थे या हैं ।
आजादी से पूर्व इस नगर का तब इतना विस्तार नहीं हुआ था। किन्तु उस समय भी नगर की जैन समाज में इस जाति (पद्मावती पुरवाल) की पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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