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पद्मावती पुरवाल जाति की बढ़ती जनसंख्या ने नगर में अपनी पहचान हर क्षेत्र में बढ़ाई। इस बड़ी पहचान की प्रमाणिकता है नगर के करीब 36 दिगम्बर जैन मन्दिरों में करीब आधे मन्दिर इसी जाति के द्वारा निर्मित कराए गए हैं। इसको इस क्रम से विधिवत समझा जा सकता है।
1. श्री रत्नत्रय दि. जैन मन्दिर नशियाजी कोटला रोड (श्री पी.डी. जैन इन्टर कॉलेज परिसर) 2. श्री दि. जैन मन्दिर जलेसर रोड (विभव नगर) 3. श्री दिगम्बर जैन मन्दिर विभव नगर 4. श्री दि. जैन मन्दिर (उम्मरगढ़) गांधीनगर, 5. श्री दि. जैन मन्दिर कटरा 6. श्री दि. जैन मन्दिर कटरा (श्री द्वारिका प्रसाद द्वारा निर्मित) 7. श्री दि. जैन मंदिर कटरा 8. श्री बाहुबली दि. जैन मन्दिर नई वस्ती 9. भगवान बासपूज्य दि. जैन. मन्दिर नई वस्ती 10. भगवान श्री पार्श्वनाथ चौबीसी दि. जैन मन्दिर गली लोहियान सदर बाजार, 11. श्री दि. जैन मन्दिर हनुमान गंज, 12. श्री दि. जैन मंदिर करवला 13. श्री दि. जैन मन्दिर देवनगर 14. श्री दि. जैन चैत्यालय मन्दिर मुहल्ला गंज, 15. श्री दि. जैन मन्दिर इन्द्रानगर, 16. श्री दि. जैन मन्दिर खेड़ा (नवनिर्मत) 17. श्री दि. जैन मन्दिर महावीर नगर ग.ज. 18. श्री दि. जैन मन्दिर रीकॅवाला नशिया परिसर कोटला रोड, 19. श्री पार्श्वनाथ दि. जैन मन्दिर सेन्ट्रल चौराहा इन मन्दिरों में आस-पास के ग्रामों के मन्दिरों की कितनी ही प्राचीन और भव्य मूर्तियां भी विराजमान है।
श्री पन्नालाल दि. जैन माध्यमिक विद्यालय जो नगर का ही नहीं प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है, पद्मावती पुरवाल समाज के प्रख्यात विद्वान पं. पन्नालाल न्याय दिवाकर के नाम से स्थापित हैं एक व्यक्तिगत जूनियर हाईस्कूल श्री एम.डी. जैन जूनियर विद्यालय के नाम से है जिसकी संचालिका श्रीमती आशा जैन हैं।
मुन्शी वंशीधर पद्मावती पुरवाल दि. जैन धर्मशाला गली लोहियान पावतीपुरवोल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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