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इन्द्रपाल और श्री महेन्द्रकुमार 1940-41 में दिल्ली आये। श्री इन्द्रपालजी ने चूड़ी का काम किया और श्री महेन्द्रकुमार जी ने छोटे-छोटे एक दो काम करने के बाद कपड़े का काम किया। इसी बीच दिल्ली गेट निवासी श्री सेतीलाल जी की पुत्री से उनका विवाह हो गया। - श्री.इन्द्रपाल जी उत्साही कार्यकर्ता रहे हैं। पंचायत की कार्यकारिणी के धार्मिक आयोजनों में भी भाग लेते थे। 1989 में उनका स्वर्गवास हो गया है। सर्वश्री कमल जैन और संजय जैन उनके दो पुत्र हैं।
श्री महेन्द्र कुमार जी दिल्ली गेट बड़े सरल और सुहृदय व्यक्ति हैं। धार्मिक आयोजनों में पूरी तरह भाग लेते हैं और भजन आदि बोलते हैं। पंचायत के प्रति उनके मन में गहरा लगाव है। 2003 में पंचायत ने फिक्की सभागार में उन्हें सम्मानित भी किया। इनके पुत्र श्री राकेश जैन का नाम पंचायत के अच्छे कार्यकर्ताओं की सूची में है। वे लगभग पिछले 15 वर्ष से कार्यकारिणी के सदस्य और आयोजनों के संयोजक अथवा सह संयोजक रहते हैं।
स्व. श्री जयन्ती प्रसाद जैन गोटेवाले एटा जिले के पुनहरे जनपद के श्री जयन्तीप्रसादजी 1942-43 में दिल्ली आये और किनारीबाजार में एक प्राइवेट दुकान पर काम शुरू किया। अपने सौम्य व्यक्तित्व और विनम्र स्वभाव से वहां उन्होंने अपने लिए महत्वपूर्ण जगह बना ली। सेवा-भावी श्री जयन्तीप्रसाद जी को पद
की आकांक्षा नहीं रही, फिर भी पद्मावती पुरवाल पंचायत से निरंतर जुड़े रहे। काफी समय पूर्व उनका स्वर्गवास हो चुका है। श्री जिनेन्द्रकुमार जी
और विजय कुमार जी आदि उनके पुत्र हैं। श्री विजय कुमार जी पंचायत की पिछली कार्यकारिणी में कोषाध्यक्ष और वर्तमान में कार्यकारिणी के सदस्य हैं।
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पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास