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क्षेत्र ने एक जुट होकर गांधी नगर में पद्मावतीपुरवाल जाति की धर्मशाल का निर्माण कराया। दिल्ली की पद्मावती पुरवाल जाति के लिए ये स्वर्णिम क्षण गौरव और समर्पण के थे। समस्त पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन पंचायत, धर्मपुरा, दिल्ली-6 के इस अनूठे प्रयास और योगदान की सभी ने सराहना की ।
स्व. श्री देवसेन, पद्मसेन, इन्द्रसेन
आगरा जिले के जारखी जनपद के श्री मोतीलाल जी के तीन पुत्र सर्वश्री देवसेन, पदमसेन और इन्द्र सेन 1925-26 के आसपास दिल्ली आये और यहां आकर फलों के रस, पान और साड़ियों की दुकान की । श्री देवसेन जी का विवाह नहीं हुआ। श्री इन्द्रसेन जी का कोई पुत्र नहीं है । पद्मसेन जी का एक पुत्र है। उक्त तीनों भाइयों का स्वर्गवास हो चुका है।
स्व. श्री कालीचरण जी, गली गुलियान
आगरा जिले जारखी जनपद के स्व. अमृतलालजी के पुत्र श्री कालीचरण बाल्य अवस्था में ही दिल्ली में रह रहे अपने ताऊ के पास 1929-30 मे आ गये। जीवनयापन की व्यवस्था होने पर यथासमय उनका विवाह हो गया। कई संतानों की मृत्यु के बाद श्री रामबाबू नामक बालक से उन्हे पुत्र का सुख मिला। श्री कालीचरण जी सरलस्वभावी और धर्मनिष्ठ थे । काफी समय पूर्व उनका स्वर्गवास हो चुका है। श्री रामबाबू जैन, श्री रवि कुमार जैन एवं श्री नीरज जैन आदि उनके पुत्र हैं ।
स्व. श्री चन्द्रसेन जैन
एटा जिले के पुनहरे जनपद के श्री चन्द्रसैन जैन पुत्र श्री भगवानदास
पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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