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जानकारी के बिना हमारा जीवन अधूरा है।
प्राचार्य श्री नरेन्द्रप्रकाश जैन ने कहा कि अतीत के अवलोकन का नाम इतिहास है और अतीत की छाया से वर्तमान प्रभावित होता है। इतिहास का धनात्मक पक्ष ( प्लस पाइंट) यह है कि उसे पढ़कर सकारात्मक दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आज के वैज्ञानिक और प्रतियोगी युग में हम संगठित होकर रचनात्मक कार्यों के माध्यम से जातीय गौरव / अस्तित्व की रक्षा कर सकते हैं। यह समाज और राष्ट्र सेवा में हमारा बहुमूल्य अवदान होगा।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में संगठन के मंत्री श्री सतीश जैन (गुड्डूभाई) ने संगठन की गतिविधियों, और उसकी भावी योजनाओं और उसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। संगठन के महामंत्री मंच संचालक श्री प्रताप जैन ने प. पु. दि. जैन पंचायत, दिल्ली के चौधरी श्री शुल्कचंद जैन एवं उनके साथियों प. पु. दि. जैन समाज शाहदरा क्षेत्र, गांधी नगर के चौधरी श्री अतरचंद जैन, अध्यक्ष श्री डा. विजयकुमार जैन, एवं उनके साथियों के साथ-साथ भोलानाथनगर जैन समाज के अध्यक्ष श्री राजबहादुर जैन, जैन समाज रोहिणी सैक्टर-8 के अध्यक्ष श्री नवीन जैन और यमुना विहार के समाजसेवी श्री उमेशचन्द जैन की उपस्थिति पर प्रसन्नता व्यक्ति की ।
प्रगतिशील पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन संगठन की संस्थापक समिति के चैअरमेन श्री पदमचन्द जैन दरीबां, संगठन के उपाध्यक्ष श्री सुरेन्द्रबाबू जैन, कोषाध्यक्ष श्री स्वराज जैन, लेखा निरीक्षक श्री अनिलकुमार जैन (गुलमोहर पार्क) कार्यकारिणी के सदस्य सर्व श्री ए. पी. जैन प्रीत विहार, श्री आनन्द जैन गांधी नगर, श्री एस. कान्त जैन ग्रेटर कैलाश पार्ट-2, श्री संजीव जैन डिप्टीगंज ने समारोह में पधारे अतिथियों एवं विशिष्ट सहयोगियों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। प. पु. दि. जैन महासंघ इन्दौर के अध्यक्ष श्री हेमचन्द जैन के सहयोग की मुक्तकंठ से पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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