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जैन चौधरी निर्वाचित हुए। दिल्ली की पंचायत और गांधी नगर की समाज के संयुक्त निर्णय के अनुसार 1994 का क्षमावाणी पर्व संयुक्त रूप से पंचायत की इच्छानुसार फिक्की सभागार में मनाया गया। 26 जनवरी 1995 की गांधी नगर की जैन समाज का चुनाव हुआ। उसमें श्री नरेन्द्रकुमार जैन कृष्णानगर, अध्यक्ष, श्री महेशचन्द जैन (अवागढ़ वाले) मंत्री और श्री अतरचन्द जैन (चौधरी) निर्वाचित हुए।
जमुनापार में साधर्मी परिवारों की बढ़ती संख्या को देखते हुए दिल्ली में रहने वाले पदमावती पुरवाल जाति के प्रत्येक व्यक्ति के मन में यह भावना थी कि गांधीनगर क्षेत्र में पद्मावतीपुरवाल जाति की एक धर्मशाला होनी चाहिए। इसी संदर्भ में 1972 में श्री प.पु.दि. जैन पंचायत धर्मपुरा दिल्ली-6 की आम सभा में पूर्ण सहमति से प्रस्ताव पास भी किया गया। पर कुछ परिस्थितियों के कारण यह कार्य उस समय सम्पन्न नहीं हो पाया। परम सौभाग्य से जुलाई 1995 में प.पू.आ. 108 श्री सन्मतिसागरजी महाराज का ससंघ चातुर्मास गांधी नगर क्षेत्र में हुआ। उस समय कुछ सामाजिक व्यवधान एवं चातुर्मासिक परेशानियों के कारण पद्मावतीपुरवाल जाति की धर्मशाला की आवश्यकता महसूस की जाने लगी। उसी समय समस्त कार्यारिणी ने आचार्य श्री से आशीर्वाद प्राप्त कर इस कार्य को पूर्ण करने का निश्चय किया तथा उसी समय समस्त दिल्ली समाज के प्रबुद्ध व्यक्तियों से विचार विमर्श कर श्री प.पु.दि. जैन पंचायत रजि. धर्मपुरा दिल्ली-6 एवं श्री प.पु. दि. जैन समाज शाहदरा क्षेत्र रजि. गांधी नगर के सदस्यों की एक सभा दिनांक 3 सितम्बर 95 का बुलाई गई, जिसमें यह प्रस्ताव पूर्ण सहमति एवं उत्साह के साथ पारित हुआ कि धर्मशाला अवश्य बननी चाहिए तथा सभी ने पूर्ण रूप से आर्थिक एवं अन्य सभी प्रकार के सहयोग का आश्वासन भी दिया।
पू. महाराजजी के पावन सानिध्य और दोनों संस्थाओं संयुक्त तत्वावधान में श्री विनोद कुमार जैन रेलवे वालों की अध्यक्षता में 1995 का क्षमावाणी पद्माव पेपरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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