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श्री छदामीलाल और श्री मनोहरलाल जी दोनों भाइयों का स्वर्गवास हो चुका है। श्री छदामीलाल के पुत्र हैं- सर्वश्री रमेशचन्द, महेशचन्द, सुरेशकुमार, दिनेश कुमार, मुकेश कुमार और श्री मनोहरलाल जी के पुत्र हैं-- श्री प्रदीप कुमार, श्री राकेश कुमार और श्री राजेश कुमार।
पंचायत के प्रति पूरे परिवार की निष्ठा है साथ ही परिवार में खुशहाली है। अधिक शिक्षित होने के कारण स्व. मनोहरलाल जी के पुत्रों ने अधिक प्रगति की है। स्व. मनोहरलाल जी के पुत्र श्री राजेश कुमार पंचायत की पिछली कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं। वर्तमान में भी सभी कार्यों में वे सहयोग देते और दिलाते हैं।
पं. मनीरामजी एवं पं. गोरेलालजी सिद्धान्तशास्त्री
एटा जिले में बेरनी जनपद के श्री मनीरामजी और सिद्धान्तशास्त्री .. गोरेलाल जी 1911 मे दिल्ली आये। श्री मनीराम जी के नेत्रों में ज्योति होना न होना बराबर था, पर उनमें संकल्प शक्ति और ज्ञान पिपासा अद्भुत थी। उनके छोटे भाई श्री गोरे लालजी शास्त्री ने धर्म का उन्हें अच्छा ज्ञान कराया। बाद में मनीराम जी पं. मनीराम जी हो गये और धारा प्रवाह प्रवचन करने लगे। सिद्धान्त शास्त्री पं. गोरीलाल जी की विद्वता की चर्चा सब ओर होती थी। पं. गोरीलाल जी अविवाहित थे। पं. गोरीलाल जी का 1941 में और पं. मनीराम जी का 1944 में स्वर्गवास हो गया।
श्री मनीराम जी के तीन पुत्र थे। बड़े पुत्र श्री जिनवरदास जी बड़े सरल स्वभावी और धर्मात्मा थे। उनकी गिनती अच्छे विद्वानों में की जाती थी। पर वे ग्रहस्थाचार्य के रूप में अधिक लोकप्रिय थे। पहाड़ी धीरज के एक मंदिर जी से धार्मिक अनुष्ठान की तैयारी करते समय हृदयगति रुकने से उनका 1961 में स्वर्गवास हो गया। श्री जिनवरदास जी के बड़े पुत्र श्री
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पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास