________________
स्व. श्री श्रीलाल बिजली वाले पुत्र पं. कंचनलालजी
आगरा जिले के आलम्पुर जनपद के पं. कंचनलालजी के ज्येष्ठ पुत्र श्री श्रीलाल जी 1906 के आसपास दिल्ली आये। चाँदनी चौक दिल्ली में बिजली की दुकान पर उन्होंने काम किया। जीवन निर्वाह की समुचित व्यवस्था होने से उन्होंने अपने पिताजी को सपरिवार दिल्ली बुला लिया। पं. कंचनलाल जी उच्च कोटि के शिक्षक और जैन आगम के अच्छे विद्वान थे। धर्मपुरा में उस समय रहने वाले अधिकांश बच्चों को उन्होंने भौतिक और आध्यात्मिक शिक्षा दी। वे आत्म विश्वासी और उत्साही व्यक्ति थे। पद्मावती पुरवाल पंचायत के गठन से लेकर अपने जीवन के अंतिम समय 1929-30 तक पं. कंचनलाल जी उससे निरंतर जुड़े रहे।
श्री श्रीलाल जी दृढ़ संकल्पी, अनुशासन प्रिय और कुशल व्यापारी थे। वे पंचायत की कार्यकारिणी के सदस्य, कोषाध्यक्ष, और अध्यक्ष भी रहे। उनके दो पुत्र श्री जैन प्रकाश और श्री अमर कुमार हैं। दोनों ही बिजली का सामान बनाते और बेचते हैं। श्री अमरकुमार जी धार्मिक और सामाजिक कार्यकर्ता थे। लगभग तीन वर्ष पूर्व उनका स्वर्गवास हो गया। श्री अमरकुमार जी के दो पुत्र सर्वश्री अजय जैन और संजय जैन हैं। श्रीलाल जी के बड़े पुत्र श्री जैन प्रकाश उत्साही और धर्मनिष्ठ हैं। वर्तमान में वे पंचायत की कार्यकारिणी के सदस्य हैं। आपके दो पुत्र हैं।
पंडित जी के दूसरे पुत्र श्री श्रीचन्द जी ने दिल्ली में आकर कपड़े के प्रसिद्ध व्यापारी सर्वश्री मुंशीलाल अजित प्रसाद जैन की कोठी में काम किया और जीवन पर्यन्त (1968) तक वहीं कार्य करते रहे। श्री श्रीचन्द जी के सर्वश्री प्रभाशचन्द, वीरेन्द्र कुमार और देवेन्द्र कुमार पुत्र हैं। सर्वश्री प्रभाशचन्द जी प्राइवेट ठेकेदार के यहां काम करते थे। 1985 में इनका स्वर्गवास हो गया। सर्वश्री सतीशकुमार, प्रदीपकुमार और अरुणकुमार इनके तीन पुत्र हैं। तीनों ही पुत्र शिक्षा प्राप्त हैं। श्री श्रीचन्दजी के दूसरे
पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
227