________________
श्री मुन्नीलाल जी के दूसरे पुत्र श्री सतीशचन्द (गुड्डू भाई ) पिछले लगभग 20-25 वर्ष से समाज सेवा के लिए समर्पित हैं। पहले वह पंचायत के सह मंत्री और बाद में मंत्री रहे हैं। वर्तमान में भी वह मंत्री हैं। उन्होंने खराद की मशीन लगाकर अपना व्यापार शुरू किया। छोटे स्तर से मझोले स्तर तक खराद की मशीन पर काम करने वालों में उनका नाम काफी प्रमुखता से लिया जाता है। मेहनत, ईमानदारी, स्पष्टवादिता और मिलनसारिता उनके विशेष गुण हैं। इनके कार्यकाल में कई नामी उपलब्धियां रही हैं ।
स्व. श्री नन्नूमल मनोहरलाल जैन दूध वाले एवं स्व. पं. भागचन्द जैन
1
एटा जिले में ख्याति प्राप्त सरनऊ वीरपुर जनपद के श्री नन्नूमल और मनोहरलाल दोनों भाई 1911 के आसपास दिल्ली आये। दोनों ही अविवाहित थे। धर्मपुरा में उन्होंने दूध का काम किया। पद्मावती पुरवाल जैन पंचायत की स्थापना से लेकर अंत समय तक उसे सहयोग करते रहे। दिल्ली आने के थोड़े वर्ष बाद उन्होंने अपनी रिश्तेदारी में से श्री भागचन्द नामक एक बालक को गोद ले लिया। उसे शिक्षा के लिये मुरैना भेजा शिक्षा प्राप्त कर वापस आने पर श्री भागचन्द जी को परचून की दुकान करा दी। शास्त्रीय ज्ञान के कारण वह युवा बाद में पंडित भागचन्द जैन शास्त्री के नाम से विख्यात हुए। वह मंदिरों में शास्त्र सभा करते थे । एक दिन उनकी शास्त्र सभा में सेन्ट्रल बैंक के एक अधिकारी आये हुए थे । उनके प्रवचन से वे प्रभावित हुए। कामकाज की स्थिति को समझकर उन्होंने उन्हें सेन्ट्रल बैंक में सर्विस के लिए आमंत्रित किया। श्री भागचन्द्र जी उनके परिवारजनों ने यह स्वीकार कर लिया। बैंक में उन्होंने अच्छी ख्याति प्राप्त की । इधर वे पद्मावती पुरवाल पंचायत से भी जुड़े रहे । जीवन के 60 वर्ष पूर्ण करने पर बैंक से सेवा निवृत हो गये । खराब पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
245