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स्वास्थ्य के कारण बाद में वह सक्रिय नहीं रह सके। वे धार्मिक प्रवृत्ति के मिलनसार और विन्रम व्यक्ति थे। 2004 में उनका स्वर्गवास हो गया। सर्वश्री अनिल कुमार, सुनील कुमार, प्रदीपकुमार, मुकेश कुमार और आशीष जैन आपके पुत्र हैं। बच्चों में भी धार्मिक संस्कार हैं।
स्व. श्री शीतलप्रसाद जैन हलवाई एटा जिले में जौंधरी जनपद के श्री मुंशीलाल जी 1935 के आसपास दिल्ली आए। यहां आकर उन्होंने हलवाई का काम किया। श्री मुंशीलाल जी के दो पुत्र एक श्री अभिनन्दन कुमार जो एटा गोद चले गये दूसरे श्री शीतलप्रसाद जी उनके साथ दिल्ली उनके व्यवसाय के साथ जुड़े रहे। श्री मुंशीलाल जी और श्री शीतल प्रसाद जी दोनों का स्वर्गवास हो चुका है। __ श्री शीतलप्रसादजी उसी व्यवसाय से जुड़े रहे। सादा जीवन उच्च विचार उनका आदर्श था। सर्व श्री आदीश्वर कुमार, आनन्दकुमार और अनिल कुमार उनके तीन पुत्र है। श्री आदीश्वर कुमार शीतल प्रसाद जी के साथ कार्य करते रहे। 1999 में श्री आदीश्वर कुमार का स्वर्गवास हो गया। श्री आदीश्वर कुमार जी के पुत्र श्री अतुल जैन पंचायत के पिछली कार्यकारिणी में मंत्री और वर्तमान में कोषाध्यक्ष हैं। परिवार में खुशहाली और संगठन है।
स्व. श्री श्रीलाल जैन बिटाब्रेन लगभग 100 वर्ष पूर्व एटा जिला के चुरथरा गांव के श्री भोलानाथ जी और श्री मुन्नीलाल जी दो भाई दिल्ली आए। गली पराठे वाली में दुकान की। श्री भोलानाथ जी अविवाहित थे। श्री मुन्नी लालजी के सर्वश्री अनूपचन्द, राजकुमार, श्रीलाल, जयकुमार और ओमप्रकाश लड़के थे। अनूपचन्दजी व्यापार करते थे। 1958 में उनका स्वर्गवास हो गया। उनके पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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