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धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। पंचायती मंदिर के निर्माण में उनका भी योगदान रहा। उसी मंदिरजी में वे अभिषेक और पूजन पाठ भी करते थे। 1956 में उनका स्वर्गवास हो गया। श्री महावीर प्रसाद जी भी अपने इसी पंचायती मंदिर में पूजा पाठ करते थे। 1993 मे उनका स्वर्गवास हो गया। सर्वश्री अशोक कुमार, निर्मलकुमार, राकेश कुमार, मुकेशकुमार और अजय कुमार इनके पुत्र हैं। श्री मुकेश कुमार पंचायत की वर्तमान कार्यकारिणी के सदस्य हैं और अपने इस पंचायती मंदिर में नियमित रूप से भगवान का अभिषेक और पूजन पाठ करते हैं। परिवार में एकता और धार्मिकता है।
स्व. श्री सुन्दरसिंहजी एटा जिले के उड़ेसर जनपद के धर्मनिष्ठ श्री महीपाल जी अपने परिवार के साथ 1930-31 में दिल्ली आए। छत्ता प्रतापसिंह में अपना निवास बनाया। प्राप्त सूचनाओं के अनुसार उन्होंने मिठाई बनाने और बेचने का काम किया। बाद में उनके इकलौते पुत्र सुन्दरसिंह अपनी शिक्षा पूरी करके सरकारी सेवा में आ गये। श्री सुन्दरसिंहजी होनहार, उत्साही मृदुभाषी और कर्तव्यनिष्ठ थे। पद्मावती पुरवाल पंचायत के प्रति उनका समर्पण था। विभिन्न कार्यकालों को मिलाकर लगभग 25 वर्ष तक वे पंचायत के मंत्री रहे। साहित्यिक और राजनैतिक गतिविधियों के प्रति भी उनका रुझान रहता था। कई संस्थाओं के उच्च पदों पर रहकर उन्होंने जनसाधारण की सेवा की। 2003 को उनका स्वर्गवास हो गया। श्री ललितकुमार, राकेश कुमार, संजय कुमार व राजीव कुमार उनके पुत्र हैं। श्री ललितकुमार पिछली कार्यकारिणी में धर्मशाला प्रबंधक और वर्तमान कार्यकारिणी के सदस्य हैं।
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पपावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास