________________
सामाजिक कार्य-आप श्री पन्नालाल दिगम्बर जैन इण्टर कालिज एवं स्थानीय दि. जैन मेला महोत्सव समिति के मंत्री रहे तथा प्रमुख कार्यकर्ता के रूप में स्थानीय सभी प्रमुख संस्थाओं में महत्वपूर्ण कार्य किया।
जैन मेला भूमि सत्याग्रह का नेतृत्व किया और इस संदर्भ में 100 व्यक्तियों के एक जत्थे सहित जेल यात्रा की। बाराबंकी प्रवचन करने हेतु पहुंचने पर इन्हें भोजक समझा गया और प्रथम रात्रि एक पौरी में कष्टपूर्वक व्यतीत करनी पड़ी। दूसरे दिन वास्तविकता की स्थिति में आपका बड़ा सत्कार हुआ। निधन-25 मई 1999
धर्मालंकार पं. हेमचन्दजी कौन्देय आगरा अन्तर्गत ग्राम चावली अनेक विद्वानों की जन्मभूमि रही है। यहां पं. नरसिंहदास शास्त्री 'जैन धर्म दिवाकर' एक अच्छे प्रतिष्ठाचार्य रहे हैं। पं. हेमचन्द्र जी आप ही के होनहार सुपुत्र हैं जिन्होंने जनसाधारण के बोध के लिए साहित्य निर्माण की उत्कृष्ट भावना को साकार रूप दिया। आप मुनिभक्त थे। आपका जन्म आसोज बदी 6 सं. 1973 में माता श्री श्रीमती फूलमाला देवी की कोख से हुआ था।
प्रारम्भिक शिक्षा श्री दि. जैन जम्बू विद्यालय सहारनपुर में तथा श्रद्धेय पं. कैलाशचन्द्र जी शास्त्री के शिष्यत्व में स्याद्वाद महाविद्यालय बनारस में हुई। जैन दर्शन शास्त्री, न्यायतीर्थ, काव्यतीर्थ उपाधि प्राप्त कर आगरा विश्वविद्यालय से एम.ए. और पंजाब की 'प्रभाकर' परीक्षा उत्तीर्ण की। __ अध्ययन समाप्त कर जैन हाई स्कूल फिरोजाबाद छावनी में 1938-39 दो वर्ष तथा राजकीय टी. जैन हायर सैकेन्ड्री स्कूल अजमेर में 32 वर्ष (1940-1972) तक शासकीय सेवा में रहकर अध्यापन कार्य किया। अजमेर में 35 वर्ष तक आपने पयूषण पर्व पर अपनी गंभीर एवं रोचक
पथावतीपुरवाल दियम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
139