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पुनर्गठित पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन पंचायत के प्रथम मंत्री चुने गये। लगभग 32 वर्षों तक इस पद पर रहकर उन्होंने पंचायत की सेवा की। उनके इस कार्यकाल में ही मंदिरजी का जीर्णोद्धार और वेदी प्रतिष्ठा साथ ही धर्मशाला के निर्माण की भूमिका बनी। संविधान बना और पंचायत पंजीकृत कराने के प्रयास हुए।
कामर्शियल स्कूल कूचा सेठ में अध्यापक रहते हुए ही उनकी नियुक्ति 'नवभारत टाइम्स' में व्यापार सम्पादक के रूप में हुई। वहां लगभग 15 वर्ष उन्होंने सेवा की। वहां से सेवा निवृत्ति के पूर्व उन्होंने 'ब्रह्मगुलाल मुनि' नामक शोध ग्रंथ लिखकर डाक्टर की पदवी प्राप्त की। इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने पद्मावती पुरवाल जाति की अतुलनीय सेवा की। 5 नवम्बर 1988 को उनका स्वर्गवास हो गया।
इंजीनियर देवेन्द्रकुमार जैन (इंगलैंड) कमलकुमार जैन, ( इंगलैंड) और जगदीशचन्द्र जैन आपके तीन योग्य पुत्र हैं। जगदीशचन्द जैन (नवभारत टाइम्स) साहित्यिक, सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों में भाग लेते और सहयोग देते है । पूरा परिवार शिक्षित और मिलनसार है।
स्व. श्री अमृतलालजी रोगन वाले
पुत्र
आगरा जिले के नगला स्वरूप के एक युवक श्री अमृतलाल जी श्री फूलचन्द 'जी ने 1910-11 के आस-पास दिल्ली आकर रोजगार का साधन जुटाया। तत्पश्चात् जारखी के एक संभ्रात परिवार की कन्या से आपका विवाह हो गया। कई वर्षों के बाद एक बालक के जन्म के साथ परिवार में खुशहाली आई। इस होनहार बालक का नाम महावीर प्रसाद रखा गया। श्री महावीर प्रसाद जी जब 8-9 वर्ष के ही थे तभी उनकी मां यानी श्री अमृतलाल जी की पत्नी का स्वर्गवास हो गया। श्री अमृत लाल पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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