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लाला श्रीनिवास, ककरावली (एटा)
स्व. लालाजी ने स्वतंत्रता आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया और सन् 32 व 42 में जेल यात्राएं कीं। ऐसी निःस्वार्थ विभूतियों के त्याग की जितनी प्रशंसा की जाये उतनी कम है।
श्री सन्तकुमार जैन (गांधी) अवागढ़
स्वर्गीय संतकुमार का उपनाम गांधी था। आप सन् 1932 और 42 के आन्दोलनों में जेल गये और कुर्की आदि में भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ी। आपने राष्ट्रीय आन्दोलनों में भारी कार्य किया ।
श्री राजकुमार जैन, फिरोजाबाद
श्री धनवन्त सिंह जैन के लघु भ्राता हैं। आप भी 1942 के राष्ट्रीय आन्दोलन में भागीदार रहे और 4 माह 26 दिन की जेल यात्रा की ।
लाला गोविन्दराम पोंडरी (एटा)
स्व. लाला गोविन्दराम जी सन् 1930 से लेकर जीवन पर्यन्त गांधीजी के सिद्धांतों के कट्टर अनुयायी रहे। सन् 1942 में दो बार जेल यात्रा की। आपका स्वर्गवास सन् 1972 में हुआ। तब तक बराबर राष्ट्रीय कार्यों में सहयोग देते रहे ।
पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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