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माणिकबाई थीं। आप पद्मावती पुरवाल जाति के भूषण हैं। आपकी . लौकिक कक्षा 5 तक हुई आप बाल ब्रह्मचारी रहे। आपके चार भाई और चार बहनें हैं। संतों की संगति से आपको वैराग्य भावना जागी।
बाद में वि.सं. 2021 में कोल्हापुर स्थान पर आचार्यश्री विमलसागर से क्षुल्लक दीक्षा ले ली। आपने सोलापुर, ईडर, सुजानगढ़ इत्यादि स्थानों पर चातुर्मास कर धर्मवृद्धि की। आपके नमक, घी, तेल, दही आदि का त्याग
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क्षुल्लिका 105 श्री विलक्षणमती माताजी जन्म स्थान बझेरा (एटा) उ.प्र. पूर्व नाम इन्द्राणी देवी जैन पिता का नाम श्रीमान हुन्डीलाल जी जैन माता का नाम श्रीमती मुन्नीदेवी जैन जाति
पद्मावती पुरवाल पति का नाम डा. खजान्चीलाल जी जैन दीक्षा स्थान चंवलेश्वर पार्श्वनाथ (राजस्थान) दीक्षा तिथि 10 नवम्बर 1994 ई. दीक्षा गुरु
गणिनी आ. श्री विशुद्धमती माताजी।
क्षुल्लिका 105 श्री प्रभावती माताजी आप पिताश्री मुन्नेलाल जी एवं माता श्री कपूरीदेवी की पुत्री हैं। आपका जन्म स्थान अहारन (आगरा) है। जन्म तिथि भादों सुदी 11 सन् 1929, जाति पद्मावती पुरवाल है। गृहस्थावस्था का नाम जयमालादेवी था। आपका विवाह श्री सुगंधीलाल जी, खांडा (आगरा) निवासी से हुआ। परन्तु दुर्भाग्य से वैधव्य का अपार दुःख शीघ्र आ पड़ा। माह बैसाख सं. पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास