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काफी समय पूर्व आप स्वर्गवासी हो चुके हैं। श्री डी. के. जैन, इन्दौर, श्री राजेश, बहादुर एवं श्री जयस जैन दिल्ली में आपके पुत्र हैं ।
श्री राजेश बहादुर जी देव शास्त्र गुरु के लिए समर्पित हैं।
जन्म
पिताश्री
बाबाश्री
पं. शिवमुखरायजी शास्त्री
आश्विन कृष्ण प्रतिपदा सं. 1959 कुतकपुर (आगरा)
लाला कंचललाल जैन जमींदार
लाला हीरालाल जी जारखी वाले जिन्होंने कुतकपुर में जिनालय बनवाया । श्रीमती दुर्गा देवी
माताश्री
प्रारम्भिक शिक्षा - बरहन (आगरा) में, चौरासी मथुरा के पश्चात् सर सेठ स्वरूपचंद हुकमचंद महाविद्यालय, इन्दौर में शासकीय अध्ययन किया ।
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कार्य-अध्ययन के पश्चात् 10 वर्ष तक श्री गोपालदास वरैया दि. जैन सिद्धान्त विद्यालय, मोरैना में गृहपति का गुरुत्व पद संभाला। इस बीच 1930 में परम पूज्य आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज के संघ पर दिद्दा नाम के ब्राह्मण और उसके साथियों द्वारा नंगी तलवारों का उपसर्ग आता देखकर दूर किया । उपसर्ग राजाखेड़ा (धौलपुर) में हुआ था। श्री आचार्य के संघ का सत्समागम रहा।
आप तीर्थ वन्दना प्रेमी और वात्सल्य गुण के आगर थे । गार्हस्थिक धर्म का परिपालन ही आपकी दिनचर्या रही। मोरैना विद्यालय के गृहपति के कार्य से मुक्त होकर 36 वर्ष दि. जैन पंचायत पाठशाला, मारोठ में अध्यापन कार्य किया।
पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास