Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रज्ञापनासूत्रे अपि६, स्निग्धस्पर्शपरिणता अपि७, रूक्षस्पर्शपरिणता अपि८ । संस्थानतः परिमण्डलसंस्थानपरिणता अपि१, वृत्तसंस्थानपरिणता अपि२, व्यस्रसंस्थानपरिणता अपि३, चतुस्रसंस्थानपरिणता अपि४, आयतसंस्थानपरिणता अपि६ ॥२०॥
ये रसतः कटुकरसपरिणता स्ते वर्णतः कालवर्णपरिणता अपि२, लोहितवर्णपरिणता अपि३, हारिद्रवर्णपरिणता अपि४, शुक्लवर्णपरिणता अपि५ । गन्धतः परिणमन वाले भी हैं (मउयफासपरिणया वि) मृदु स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (गरुयफासपरिणया चि) गुरु स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (लहुयफासपरिणया वि) लघु स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (सीयफासपरिणया वि) शीत स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (उसिणफासपरिणया चि) उष्ण स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (लुक्खफासपरिणया वि) रूक्ष स्पर्श परिणमन वाले भी हैं। ___(संठाणओ) संस्थान-आकार से (परिमंडलसंठाणपरिणया वि) परिमंडल संस्थान परिणमन वाले भी हैं (वसंठाणपरिणया वि) वृत्त आकार परिणमन वाले भी हैं (तंससंठाणपरिणया वि) त्रिकोणाकार परिणमन वाले भी हैं (चउरंससंठाणपरिणया वि) चतुष्कोणाकार परिणमन वाले भी हैं (आययसंठाणपरिणया वि) लम्बाकार परिणमन वाले भी हैं। __ (जे) जो (कडयरस परिणया) कटुकरस परिणमन वाले हैं (ते) वे (वण्णओ) वर्ण से (कालवणपरिणया वि) वाले वर्ण परिणमन वाले
५४ छ (मउयफासपरिणया वि) भृढ २५२ परिणाम वा ५ छ (गरुयफास परिणया वि) शु३ २५॥ परिणाम पण ५४ छ (लहुयफासपरिणया वि) सधु २५ परिणामी ५६ (सीयफासपरिणया वि) शी २५श ५६२४ाम पाणi ५४ (उसिणफासपरिणया वि) GY २५श ५६२७४ाम पाni ५ छ (णिद्धफासपरिणयो वि) नि०५ २५० परिणाम पmi ५४ छ (लुक्खफासपरिणया वि) રૂક્ષ સ્પર્શ પરિણામે વાળા પણ છે.
(संठाणओ) संस्थान ॥२नी मपेक्षाथी (परिमंडलसंठाणपरिणया वि) परिभ सथान परिमाणi veg छ (वट्ट संठाणपरिणया वि) वृत २।४।२ परिणाम ani ५७ छ (तंस संठाणपरिणया वि) विष्णु मा २ परिणाम ५५ छ (चउरंससंठाणपरिणया वि) यतु ] २।४।२ परिणाम पाणi ug (आयय संठाणपरिणया वि) २मायत-मा २माना परिणाम वाणां पण छ.
(जे) । (कडुयरसपरिणया) ४३१॥ २सना परिणाम पाणi छ (ते) तेस।
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧