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महाकवि पुष्पदन्त विरचित
आइदेवकुलसंतइजाय उ दादेवि तासु घरसामिणि तरु ओहामियदिणयरु ता तुरितुहुं करि भल्लारजं धणएं पुरु पविणिम्मिउं तेहउं
वि णाम राणड विक्खायउ । कामसुहंकरि णं सुरकामिणि । एयह दोहं वि होसइ जिणवरु । रयणरंतु जयरु चउदार । महिं वण्णहुं जाइ ण जेहउँ ।
घत्ता-ताणज्जइ दिणु णिश्च जहिं जा सरेवरि कमलई वियसंति ॥ वरमणिकिरणहि ततडिय उग्गय रवियर णउ दीसंति ||५||
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तहिं सणालइ 'सिरिअसइयइ पुण्णचंद सोहिय मुहयंद अविश्यगलिय दाणधारालउ वालसिहाककुखुर मणहरु कुडिलणहरु भइरवरुंजेणरवु कण्णतामहुलि विदेहिं मालाजुयलु भिंगँपियकेसरु कलस जुलु णवकमलु सकोमलु
पच्छिमरयणिहि णिद्दधेइयइ । सिविणपति अवलोइय णंदइ । भमियसिलिम्मु होलिसोंडालउ | सउरहेउ रुइरंजियससहरु । गिरिगुहणीहरंतु कंठीरवु । सिरि सरि सिंचिज्जंति करिंदहिं । सिमंड भारु णेसरु । मणमिणुं जलकीला चंचलु |
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धन जन कण और गोधन और गुणोंसे प्रचुर सिंहपुर में, आदिदेवकी कुल परम्परामें उत्पन्न विष्णु नामका विख्यात राजा है । उसकी गृहस्वामिनी नन्दादेवी है । काममें शुभंकर वह सुरकामिनीकी तरह है । अपने तेजसे दिनकरको तिरस्कृत करनेवाले जिनवर इन दोनोंके पुत्र होंगे । इसलिए तुम शीघ्र रत्नोंसे चमकता हुआ चारद्वारों वाला नगर बनाओ । कुबेरने इस प्रकारके नगरकी रचना की कि जिसका मनुष्योंके द्वारा वर्णन नहीं किया जा सका ।
३. AP संतर जाउ । ४. A पुरु विणिम्मिउ । ५. A संरवरकमलई । ६. १. A णिरु अइसइयइ । २. AP णिङ्घइ । ३. A सिविणयतइ; T तइ पंक्तिः । ५. A भइरवभंजणरउ | ६. A वंदहि । ७. A भिंगु पयं । ८. A मंडलु १०. A मी जुलु । २३
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घत्ता - जहाँ सरोवर में नित्य ही कमल खिलते हैं इसलिए दिन जान नहीं पड़ता, श्रेष्ठ मणिकिरणों से मिश्रित ऊगी हुई भी सूर्यकिरणें दिखायी नहीं देतीं ||५||
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वहाँ श्री से अतिशय भरपूर रात्रिके अन्तिम प्रहर में शयनतलपर नींदमें सोयी हुई नंदादेवी स्वप्नमाला देखती है । अविरत झरती हुई मदधारासे युक्त और भ्रमण करती हुई भ्रमरपंक्तिवाला महागज, पूँछ गलकम्बल ककुद और खुरोंसे सुन्दर और कान्तिसे चन्द्रमाको रंजित करनेवाला वृषभ, कुटिल नख और भयंकर गर्जन शब्दवाला पहाड़की गुफासे निकलता हुआ सिंह, अपने कानोंके तालोंसे मधुकर समूहको आहत करते हुए गजेन्द्रों द्वारा सिर पर अभिषिक्त श्री; भ्रमर और पोली केशरसे युक्त मालायुगल, लक्ष्मी ? और रात्रिका मण्डन (चन्द्रमा), भास्वर सूर्य, कोमल नवकमलोंसे सहित कलशयुगल, जलक्रीड़ासे चंचल मोनयुगल, सरोवर, समुद्र,
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४. AP अविरल ।
९. AP कलसजमल ।
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