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लौं. और भस्मग्रह धर्म का ऐसा क्या उद्योत किया कि उसके अनुयायी आज फूले नहीं समाते हैं ?
अब हम वादी प्रतिवादी रूप में कुछ प्रश्नोत्तर लिख इसका पूरा खुलासा करते हैं:
प्रश्न:-जिस समय जैनों में हिंसा की मात्रा बहुत बढ़ीहुई थी, उप्त समय बढ़ती हुई हिंसा को रोक लौकाशाह ने दया धर्म का प्रचार किया। ____ उत्तरः-दया धर्म का प्रचार तो तीर्थक्कर महावीर ने किया
और उनके बाद जैनाचार्यों ने उसका पोषण किया, फिर लौंकाशाह ने कौनसा दया धर्म नया फैलाया ? और किस जगह जीव दया पलाई ?
प्रश्नःलौकाशाह के समय मंदिरों के नाम पर घोरे हिंसा होती थी, उसे बन्द करवा के ही लौकाशाह ने दयाधर्म का प्रचार किया। ____ उत्तरः-लौकाशाह ने मंदिरों का विरोध करके तो मंदिरों को कम नहीं किया, पर सोते हुए समाज को जागृत कर उल्टी मंदिर मूर्तियों की तो खूब वृद्धि ही की। जरा शिलालेखों की
ओर दृष्टि डालकर देखिये तो सही कि लौकाशाह के पूर्व के जितने मंदिर मूत्तियों के शिलालेख मिलते हैं उनसे करीबन बीस गुने ज्यादा शिला लेख लोकाशाह के उत्पात करने के बाद के मिलते हैं । इससे यह मालूम पड़ता है कि लौंकाशाह के विरुद्ध उपदेश से जनता की श्रद्धा मंदिर मूर्तियों से न्यून होने के बजाय उनमें खूब बढ़ो। लौकाशाह तो उस समय अपने अपमान के कारण बेभान था, उसे क्या मालूम था कि मंदिरों में कौन हिंसा
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