________________
min.mmmmmmmmmmmmmmmmmmmannaamana
लौकामत एवं स्थानकवासी समुदाय के विद्वान नामाङ्कित साधुओं ने शास्त्रों का गहरा अभ्यास करने के पश्चात् वे आत्मार्थी मुमुक्षु उन्मार्ग का त्याग कर शुद्ध सनातन जैन धर्म की दीक्षा ग्रहण कर स्वपर का कल्याण किया और कर रहे हैं उन महानुभावों का चित्रों के साथ संक्षिप्त परिचय करवा देते हैं।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org