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श्री रत्नप्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला पुष्प नं० १६८
श्री मद् रत्न प्रभ सूरीश्वर पादपद्मम्यो नमः
ऐतिहासिक नोंध की ऐतिहासिकता
मान् वाडीलाल मोतीलाल शाह, ऐतिहासिक नोंध लिखते समय जनता को विश्वास दिलाने को सर्व प्रथम निम्न लिखित प्रतिज्ञा करते हैं कि ।
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"यह लेख लिखते वक्त मने यह निश्चय किया है कि मैं किसी का पक्षपात या विरोध नहीं करूँगा, और अपने निश्चय को प्रभु की साक्षी से पालन करूँगा
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'ऐति. नों. पृष्ठ ३७
शाह यह प्रतिज्ञा करने के पश्चात् इस प्रतिज्ञा का पालन किस तरह से करते हैं जरा इसका भी पाठक नमूना देखलें । ऐतिहासिक नोंध लिखने में शाह का खास हेतु लौंकाशाह को जीवन लिखने का ही है और यह होना अनुचित भी नहीं है । परन्तु सभ्य लेखक का यह एकान्त कर्त्तव्य है कि वह अपने मान्य पुरुष की प्रशंसा के चाहे पुल ही क्यों न बाँधे ? किंतु दूसरे तटस्थ पुरुषों की झूठी और घृणित निंदा करना उसको योग्य नहीं । लेकिन शाह ने इसकी कतई परवाह न कर इस
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